दुनिया के 7 अजूबों में से एक मिस्र के पिरामिड्स धरती की सबसे रहस्यमयी चीज़ों में शामिल हैं. हर साल करोड़ों लोग इन्हें देखने आते हैं. लगभग 4,500 साल पहले बनाए गए इन पिरामिड्स पर हजारों रिसर्च हो चुकी हैं, तरह-तरह के साइंटिफिक टेस्ट हो चुके हैं. इसके बावजूद पिरामिड्स के बारे में बहुत सारी अफवाहें भी उड़ रही हैं. आइए जानते है कुछ अफवाहें क्या हैं –
पिरामिड्स नहीं हैं बंज़र रेगिस्तान में
पिरामिड्स की तस्वीरों के आसपास रेत देखने से लगता है कि ये बंज़र रेगिस्तान में बनाए गए हैं. लेकिन सच तो यह है कि बहुत सारे पिरामिड्स इंसानी बसाहट के बीच हैं. ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा भी मिस्र की राजधानी काहिरा के पास है. यह गीजा नामक प्राचीन शहर में स्थित है, जो अब मेट्रो सिटी काहिरा से जुड़ चुका है.
पिरामिड्स अनाज के भंडार नहीं थे
बेन कार्सन भी 2016 में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने की दौड़ में शामिल थे. उस समय मीडिया में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कह रहे थे कि पिरामिड्स अनाज का भंडार हुआ करते थे, जिनसे अकाल के समय मदद मिलती थी. कई लोग इस बात पर विश्वास करते हैं. लेकिन सच तो यह है कि पिरामिड्स में मिस्र के राजाओं (फराओ) के शव रखे जाते थे.
क्या एलियंस ने बनाए थे पिरामिड्स?
कई लोग मानते हैं कि इतने विशाल पिरामिड्स बनाना इंसानों के बस की बात नहीं रही होगी. साथ ही इन्हें बनाने में एलियंस ने मदद की होगी. इन पिरामिड्स को बनाने में 2 टन तक भारी पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है. आज मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बावजूद इतने विशाल पिरामिड बनाना मुश्किल ही होगा. बावजूद इसके सच यह है कि पिरामिड्स को इंसानों ने ही बनाया था. माना जाता है कि पिरामिड्स के कंस्ट्रक्शन में 1 लाख लोग लगे थे. पिरामिड्स में एलियंस की कोई निशानी नहीं मिली है, जबकि इंसानों की कई तरह की चीजें और अवशेष मिले हैं.
पिरामिड्स गुलामों ने नहीं बनाए
मिस्र के पिरामिड्स के बारे में माना जाता है कि इन्हें गुलामों से जबरदस्ती बनवाया गया था. लेकिन कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन्हें बनाने वाले गुलाम न होकर स्किल्ड इंजीनियर और श्रमिक थे. पिरामिड्स के निर्माण के दौरान कई मजदूरों की मौत भी होती थी, जिन्हें आसपास ही सम्मानजनक ढंग से दफनाया जाता था. 2014 में आई हॉलीवुड मूवी ‘एक्सोडस’ को इजिप्ट की सरकार ने बैन कर दिया था, क्योंकि इसमें दिखाया गया था कि पिरामिड्स यहूदी गुलामों ने बनाए थे.
सबसे बड़ा नहीं है ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा
पिरामिड ऑफ़ गीज़ा को उसकी विशालता की वजह से ग्रेट कहा जाता है. लेकिन नई डिस्कवरीज बताती हैं कि यह दुनिया का सबसे बड़ा पिरामिड नहीं है. यह दर्जा मैक्सिको के चोलुला पिरामिड के पास है. पहली नजर में ग्रेट पिरामिड ऑफ चोलुला एक पहाड़ की तरह लगता है. इसका निर्माण ईसा से 200 साल पहले एज्टेक लोगों ने शुरू किया था, जो नवीं सदी तक चलता रहा. यह 66 मीटर ऊंचा और 450 बाय 450 मीटर लंबा-चौड़ा है. लेकिन गीजा का पिरामिड सबसे ऊंचा जरूर है. इसकी ऊंचाई 139 मीटर है.