मूर्खो के लक्षण
Signs Of A Foolish Person in hindi
इस संसार मे कोई भी मनुष्य सभी गुणों से सम्पन्न नही होता है. प्रत्येक मनुष्य में कोई ना कोई अवगुण जरूर होता है. मनुष्य के अवगुणों को सबसे ज्यादा उसके व्यवहार से पहचाना जाता हैं. क्योंकि मनुष्य अपने अवगुणों को अपने व्यवहार में जरूर दोहराता है. मनुष्य में वैसे तो विभिन्न प्रकार के अवगुण हो सकते है लेकिन इनमें सबसे बड़ा अवगुण है मूर्खता का. मूर्खता का यह अवगुण सबसे ज्यादा पाया जाने वाला अवगुण है. इस अवगुण की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें व्यक्ति को अपनी मूर्खता का ज्ञान ही नही रहता और बताने पर भी वह इसे स्वीकार नही करता. मूर्ख व्यक्ति स्वयं का तो नुकसान करता ही है बल्कि वह अपने साथ रह रहे व्यक्तियो का भी भारी नुकसान करता है. इसलिए यह आवश्यक है कि मूर्खो की पहचान कर ली जाए जिससे भविष्य में होने वाली हानि से बचा जा सके. हम आपको मूर्खो की पहचान के लिए मूर्खो के कुछ लक्षण बताने जा रहे है ये लक्षण महाभारत के महान नीतिकार महात्मा विदुर ने विदुर-नीति में सुझाये गए है जिन्हें ध्यान में रखकर मूर्खो से बचा जा सकता है.
मूर्खो के लक्षण | Murkho Ke Lakshan
- जो शास्त्रज्ञान से शून्य होकर भी घमण्डी है, जो दरिद्र होकर भी बड़े-बड़े मनोरथों वाला है, जो बिना कर्म किये ही धन प्राप्त करना चाहता है, ज्ञानीजन ऐसे व्यक्ति को मूर्ख कहते हैं .
- ऐसा आदमी जो अपने कार्य को छोड़कर दूसरों के कार्य के पीछे दौड़ता है और अपने मित्र के साथ भी कपट का व्यवहार करता है, वह मूढ़ या मुर्ख कहलाता है .
- जो न चाहने योग्य व्यक्तिओं की चाहना करता है, चाहने योग्य को छोड़ देता है और बलवान् से द्वेष करता है, उसे मूर्ख कहते हैं .
- ऐसा आदमी जो अपने शत्रु को मित्र बना लेता है और अपने मित्रो को छोड़ गलत संगत में रहने लगता है. ऐसा व्यक्ति मूर्ख कहलाता है.
- जो व्यक्ति बिना बुलाए किसी स्थान पर पहुंच जाता है तथा अपने आपको ऊँचा दिखाने की कोशिश करता है. वह मुर्ख कहलाता है.
- ऐसा आदमी जो स्वयं गलती कर दुसरो पर आरोप लगा देता है और हमेशा अपनी गलतियों को दूसरों पर मढ़ देता है. ऐसा मनुष्य मूर्ख कहलाता है.
- जो मनुष्य पितरो का श्राद्ध नही करता था अज्ञानी लोगो के प्रति श्रद्धा से भरा रहता है वह मूर्ख कहलाता है .
- ऐसा आदमी जो अपने पास रखी चीजों से प्रेम नहीं करता और जो नहीं है उस से प्रेम करता है वह भी मूर्ख कहलाता है.
- जो व्यक्ति आपानी छोड़ सबकी नजरों से देखता है और अपने कार्यों के भेद खोल देता है और जिस कार्य को करने में कम समय लेना चाहिए उस कार्य को अधिक समय तक करता हैं वह व्यक्ति मूर्ख होता है.
- ऐसा आदमी जो अपनी क्षमताओं और ताकत को नहीं पहचानते हुए भी धर्म और लाभ के विपरीत जाकर न पा सकने वाली वस्तुओं की कामना करता है वह व्यक्ति भी मूर्ख होता है.
- जो मनुष्य अपने जेबों में हाथ डाले अकड़ से बात करे वह भी मूर्ख की श्रेणी में आता है.
- जो व्यक्ति बिना कारण हँसे, अत्यंत अविकेकपूर्ण विचार रखे ऐसा व्यक्ति मूर्ख माना जाता है.
- व्यसनों के वश होकर अपनी महत्ता को खो दे ऐसा प्राणी भी मूर्ख होता है.
- वृद्घो या अपने से बड़ो के सामने ज्ञान प्रदर्शन करें तथा सात्विक एवं सरल ह्रदय के प्राणियों से छल करे वह व्यक्ति मूर्ख कहलाता है.
- जहाँ अपमान हो वहां बार-बार आये तथा उपदेश देने लगे ऐसे लोग मुर्ख कहलाते है.
- विद्या, वैभव, धन, पुरुषार्थ और बल के बिना भी जो अभिमान करे वह मूर्ख कहलाता है.
- क्रोध से , अभिमान से एवं कुबुद्धि से स्वंय का ही नाश (नुकसान) करे , वह मूर्ख है.
- अपने आपको सर्वश्रेष्ठ माने तथा लक्ष्मी और आयु पर भरोसा करें, वह मुर्ख है.
- जो सांसारिक विषय वासना को ही मुख्य मानकर ईश्वर को भूल जाये और जिसे कर्तव्यों का ज्ञान ना हो वह मूर्ख होता है.
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