अंधविश्वास क्या होता हैं इसके कारण, उदाहरण और दूर करने के उपाय | Superstitions Reasons, examples and ways to avoid it in Hindi
अंधविश्वास क्या होता है? (What is superstition?)
जब हम किसी भी बात पर बिना सोचे समझे विश्वास कर लेते है फिर चाहे वो किसी इंसान, वस्तु या भगवान् से जुडी हो. कई बार आपने देखा होगा की लोग अंधविश्वास को इतना ज्यादा मान लेते है की कोई भी उनसे अंधविश्वास के नाम पर कोई भी गलत चीज करवा लेते है. अंधविश्वास एक ऐसी चीज है जो एक बार बन जाए तो कभी टूटती नहीं है इसी विपरीत यदि विश्वास टूट जाए तो फिर इसे वापस बना पाना ना के बराबर होता है. ध्यान देने योग्य बात यह है की यह दोनों चीजे बहुत अलग अलग है.
उदाहरण (Example)
3 नंबर का अशुभ होना.
कोए की आवाज़ सुनी तो नए मेहमान घर में आएगा.
छिंक आने पर रुकना.
बिल्ली रास्ता काट जाए तो रुकना.
कांच का टूटना.
टूटे हुए कांच में चेहरा नहीं देखना.
अंधविश्वास के नुकसान (Loss of Superstition)
आज भी हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं, जो लोगों के कहने पर बातों को मान लेते हैं. इसमें अनपढ़ ही लोग शामिल नहीं है बल्कि पढ़े लिखे लोग भी इसका शिकार बनते हैं. कई ऐसे उदाहरण है जिनकी मदद से हम जान सकते हैं कि आज भी दुनिया में अंधविश्वास कितना ज्यादा फैला हुआ है जैसे- छिकने पर 2 मिनट रुक जाना, दिन के 12:00 बजे घर से बाहर नहीं निकलना, बिल्ली के रास्ता काटने पर उस रास्ते से नहीं जाना और तालाब में सिक्का फेंकना ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें लोग आज भी आँख बंद करके मान लेते है.
कई एसे किस्से/घटनाए है जिनके मदद से आप जान सकते है की अंधविश्वास के कितने नुकसान है
- सन 2017 की बात है राजस्थान के अजमेर जिले में एक महिला को उसके ही रिश्तेदार और पड़ोसियों ने बुरी आत्मा या उपरी हवा बताकर मार डाला. जब इस घटना के बारे में पता लगाया गया तो मालूम चला की महिला के पति की मौत हो चुकी थी और उस महिला के ससुराल वाले और गाँववाले उसे डायन समझने लगे थे, इसलिए उसे मार दिया गया.
- जनवरी 2018 में हैदराबाद में एक व्यक्ति ने एक किसी बाबा के कहने पर अपनी पत्नी की बिमारी को ठीक करने के लिए चंद्र ग्रहण के दिन अपने बच्चे को छत से फेंक कर मार दिया और इसे बलि देना कहा गया.
- 2018 में ही एक “जलेबी बाबा” नाम के बाबा को पकड़ा गया जिसने तंत्र-मंत्र, ज्ञान के नाम पर 90 से भी ज्यादा लड़कियों के साथ चाय में नशीला चीज मिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया और उनकी अश्लील फिल्मे भी बनाई.
- यह खबर तो सभी लोग जानते है क्योंकि इस खबर ने पुरे देश को चौंका दिया था. जुलाई 2018 में दिल्ली के 11 लोग मोक्ष पाने के लिए फाँसी के फंदे से लटक कर मर गये. इससे पता चलता है की अभी भी देश में अंधविश्वास कितना फैला हुआ है और लोग आज भी इस पर कितना भरोसा करते है.
- जून 2018 की बात है जोधपुर में अली कुरैशी नाम के आदमी ने रमजान जैसे पवित्र महीने में अल्लाह को खुश करने के लिए और दुसरो के कहने पर अपनी मात्र 4 साल की बेटी का गला घोटकर हत्या कर दी थी. उस व्यक्ति के अनुसार देखा जाये तो उसने अल्लाह को खुश करने के लिए अपनी सबसे प्यारी और कीमती चीज अल्लाह को देने के लिए कुर्बान की थी.
तो इन घटनाओ के माध्यम से आप समझ सकते है की अंधविश्वास के किस हद तक नुकसान है लेकिन फिर भी लोग इस पर भरोसा करना नहीं छोड़ते.विश्वास करे लेकिन वंहा तक जंहा तक की यह सही हो. विश्वास जब तक विश्वास रहता है तब तक ही सही होता है जब यह अंधविश्वास में बदल जाता है तो इसके नुकसान आपके लिए घटक हो सकते है.
अंधविश्वास को कैसे रोका जाए (How To Stop Superstition)
अंधविश्वास से मुक्ति पाना थोड़ा कठिन हो जाता क्योंकि जब कोई इंसान इस चीज के घेराव में आ जाता है तो वह उसे इस कदर तक घेर लेती है, कि जब तक वह इंसान अपने अंदर से इस चीज को दूर करने की जिज्ञासा नहीं पैदा कर लेता तब तक व तब तक वह अंधविश्वास को दूर नहीं कर पाता फिर चाहे उसे कोई कितना भी क्यों न समझा ले अंधविश्वास पर काबू पाना उसके लिए मुश्किल होता है. परन्तु फिर भी कुछ उपाय है जिन्हें अगर ईमानदारी से अपनाया जाए तो आप यकीन मानिये अंधविश्वास से आपको मुक्ति मिल जाएगी.
- कोई कितना भी ज्ञानी क्यों न हो हमे उस पर आँख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए. तर्क और विज्ञान के अनुसार सोचना ज़रुरी होता है, सिर्फ बाते मान लेना गलत है.अपनी सोच को तर्कवादी रखे, अपनी मानसिकता बदले क्योंकि भाग्य-दुर्भाग्य विधि का विधान है इस पर किसी का काबू नहीं है फिर चाहे वो कितना ही ज्ञानी हो.
- अंधविश्वास से मुक्ति पाना है तो इसके लिए आपको खुद पर विश्वास रखना जरुरी है, अपने कर्म/कार्यो पर विश्वास रखना जरुरी है. यदि आपको खुद पर ही विश्वास नहीं होगा तो दूसरा फिर आपके लिए कुछ नहीं कर सकता. दुसरो की बाते मानने से अच्छा अपने कार्य पर विश्वास रखे. सकारात्मक सोचे और नकारात्मक चीजों का अपने आप पर प्रभाव न पड़ने दे. अपनी मेहनत, कठिन परिश्रम, लगन और दृढ़ संकल्प से अपनी मंजिलो को पाने का प्रयत्न करे न की किसी टोने-टोटको पर.
- जब व्यक्ति के अन्दर डर आ जाता है तो वह अन्धविश्वास का कारण बनता हैं. कोई भी व्यक्ति किसी भी बात को लेकर अपने अंदर किसी कमी या कमजोरी को महसूस करता है तो उसे डर लगता है और उसके अन्दर नकारात्मक विचार आने लगते है. तभी पाखंडी बाबा और ये सब उन लोगो की कमियों का फायदा उठाते है. इसलिए आपनी सोच सकारात्मक रखना बहुत ज़रुरी है.
- कई व्यक्तियों के जीवन मे ऐसे पड़ाव आ आते है जहां पर उन्हें निराश होना पड़ता है.असफल होने से कभी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि असफलता ही सफलता की पहली सीडी है. जो लोग अपनी जिंदगी में मंजिलो को पाने की कोशिश करते है वो ही लोग इन असफलताओ से आगे बढ़ते है. इसलिए कभी घबराए न और पूरी लगन और मेहनत से आगे बढ़ने का प्रयास करे. यह मेहनत आपके जीवन में ज़रुर रंग लाएगी न की किसी पर अन्धविश्वासी होने का जूनून.
यदि आप इन उपायों पर अमल करेंगे तो जल्द ही अन्धविश्वास से मुक्त हो जायेगें. जीवन में कुछ छोटी छोटी चीजों पर ध्यान दे और कभी भी अपने विश्वास को अन्धविश्वास न बनने दे.
अंधविश्वास से जुडी एक कविता (A poem related to superstitions)
शिकायत है मुझे उस समाज से,
अंधविश्वास में जीते हर उस इन्सान से,
दिल में बसे उनके मंद – बुद्धि जज़्बात से…
कहते हैं वो,
पुरखों से चली आई, परम्परागत विद्या,
ये महान है।
करेंगे सब कुछ, इसे ही मानते वो अपनी आन हैं,
सत्य से ना जाने, वो क्यों अंजान हैं,
मेरी नज़रों में, ये मूर्खता अति महान है।
शिकायत है मुझे उस समाज से,
आँखों पे अँधा नकाब ओढ़े,
अंधेरों में राह तलाशने के प्रयास से।
पाखन्डी बाबाओं में ढूंढते,
वो तेरा स्वरुप निरंकार हैं,
विज्ञान का ज्ञान नहीं, परम ज्ञान का जिन्हें अहंकार है।
ना जाने समस्या का, ये कैसा समाधान है,
जहाँ नर बलि जैसी प्रथा भी, लगती आम है।
शिकायत है मुझे उस समाज से,
अन्धें कुंए में डूब,
प्यास बुझाने के रस्म-ओ-रिवाज़ से।
वंश बढ़ाने को वो तत्पर, हर बार हैं,
पर एक नन्ही परी के आगमन को,
मानते वो एक अभिशाप हैं।
वासना की हवस में,
करते हैं वो, जो दुष्कर्म,
तुम्हीं कहो, क्या नहीं
वो सबसे घिनौना पाप है।
पर मानो या ना मानो,
अंधविश्वासों की इस दुनिया में,
सब कुछ माफ़ है।
एक अंधी बस्ती है,
अँधेरे में भटकता, एक अधमरा समाज है।
दिनोदिन बढ़ता रहता,
ऐसा ये अन्धविश्वास है।
अँधेरे को चीरती रौशनी की,
मुझे एक आस है।
अंधविश्वासों को तोड़,
ज्ञान की एक प्यास है,
होंगें कामयाब हम, अब एक दिन
दिल को मेरे ये विश्वास है।
-राकेश रोशन
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