POCSO Act, Sections, Provisions, and Punishments in Hindi | पॉक्सो एक्ट से जुडी जानकारियां,धाराएँ, सजाएँ और प्रावधान विस्तृत से हिंदी में
भारत जैसे महान देश में आये दिन बच्चों के साथ होने वाली यौन घटनाएँ देश का नाम दुनिया के सामने शर्मसार करती रहती हैं. ऐसी घटनाएँ केवल एक बच्चे के साथ नहीं होती बल्कि इसका असर पूरी सामाजिक व्यवस्था पर पडता हैं. अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भी किसी देश की सुरक्षा उस देश में बच्चों की सुरक्षा से मापी जाती हैं. जिस देश में बच्चे और महिलाएं जितने रूप से स्वतंत्र होकर रह पाते हैं उस देश को अच्छे पर्यटन की दृष्टि से देखा जाता हैं. देश में बढ़ रही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा एक विशेष कानून साल 2012 में बनाया गया. जिसे आज हम पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के नाम से जानते हैं. यह क़ानून देश में बच्चो को बलात्कार, छेड़खानी एसिड अटैक जैसे मामलों से सुरक्षा के लिए बनाया गया हैं.
पॉक्सो एक्ट क्या होता हैं (WHAT IS POCSO ACT)
पॉक्सो एक अंग्रेजी शब्द हैं जो कि प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस (Protection of Children from Sexual Offenses) से मिलकर बना हैं. यदि इसका हिंदी मतलब बनाये तो इसका मतलब होगा “लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम”. यह अधिनियम वर्ष 2012 में बनाया गया था. इस अधिनियम के तहत बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ वाले मामलों में कार्यवाही की जाती हैं. जिससे बच्चों की यौन अपराधों, छेड़छाड़ और अश्लील रिकॉर्डिंग जैसे अपराधों से सुरक्षा मिलती हैं.
सजा का प्रावधान (PUNISHMENTS UNDER POCSO ACT IN HINDI)
2012 में बनाये गए इस अधिनयम के तहत बच्चों के साथ होने वाले अलग अलग तरह के अपराधों पर अलग अलग सजाएँ तय की गयी हैं. एक बार आरोपी दोषी साबित हो जाने के बाद इसका पालन करना अनिवार्य होता हैं. इस अधिनियम में आरोपी को सजा के साथ साथ अर्थदंड भी लगाये जा सकने का प्रावधान किया गया हैं. पॉस्को एक्ट में बच्चों के साथ होने वाले विभिन्न अपराधों और उसकी सजाओं को धारा के आधार पर विभाजित किया गया हैं.
पॉस्को धारा 3 (POCSO SECTION 3 IN HINDI)
पॉस्को की धारा 3 के तहत किसी भी बच्चे के शरीर पर किसी भी तरह की चोट या फिर प्राइवेट पार्ट्स पर हरकत करने के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किये गए हैं. पॉस्को की इस धारा में ‘पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट’ को परिभाषित किया गया हैं. जिसमे कोई भी व्यक्ति बच्चे के शरीर के किसी भी पार्ट में प्राइवेट पार्ट या कुछ भी डालता हैं या फिर बच्चे को कुछ करने को मजबूर करता हैं. तो यह पॉस्को की धारा 3 का अपराध होगा. जिसमे अपराधी को कम से कम 7 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान हैं.
पॉस्को धारा 4 (POCSO SECTION 4 IN HINDI)
पॉस्को अधिनियम की धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किए जाते हैं जिसमे किसी भी बच्चे के साथ दुष्कर्म या कुकर्म किया गया हो. इस धारा में आरोपी पर पॉस्को धारा 3 की सजा के साथ साथ अर्थदंड भी लगाया जा सकता हैं.
पॉस्को धारा 5 (POCSO SECTION 5 IN HINDI)
पॉस्को अधिनियम की धारा 5 के तहत उन मामलों को रखा जाता हैं जिसमे बच्चों के साथ दुष्कर्म के साथ साथ गंभीर भी पहुंचाई गयी हो. इसके अलावा इस धारा में उन मामलों को भी शामिल किया जाता हैं जो कि समाज के सभ्य व्यक्तियों जैसे पुलिस ऑफिसर, माता-पिता, शिक्षक, सामाजिक संस्था से जुड़ा हुआ व्यक्ति और नेताओं द्वारा किया गया हैं. इस धारा में आरोपी को कम से कम 10 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद का प्रावधान हैं.( पॉस्को धारा 6)
पॉस्को धारा 7 (POCSO SECTION 7 IN HINDI)
पोस्को की इस धारा में उन केस को रखा जाता हैं जहाँ पर बच्चों के प्राइवेट पार्ट्स को संभोग के उद्देश से छेडछाड की जाती हैं. इस अपराध में आरोपी को न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती हैं. (पॉस्को धारा 8)
पॉस्को धारा 9 (POCSO SECTION 9 IN HINDI)
इस धारा में पॉस्को धारा 7 के उन अपराधों को शामिल किया जाता हैं जिसे समाज के सभ्य व्यक्तियों जैसे पुलिस ऑफिसर, माता-पिता, शिक्षक, सामाजिक संस्था से जुड़ा हुआ व्यक्ति और नेताओं द्वारा किया गया हैं. इसमें अधिकतम 7 साल और न्यूनतम 5 साल की सजा हो सकती हैं. (पॉस्को धारा 10)
पॉस्को धारा 11 (POCSO SECTION 11 IN HINDI)
इस धारा में उन क्रियाओं को शामिल किया गया हैं जहाँ पर बच्चों को ईमेल,टेलीफोन,व्यंग,मजाक के जरिये सम्भोग के लिए उकसाया जाता हैं. इस तरह के अपराधों में आरोपी को 3 साल की जेल के साथ साथ अर्थदंड लगाया जा सकता हैं. (पॉस्को धारा 12)
पॉस्को धारा 13 (POCSO SECTION 13 IN HINDI)
इस धारा में उन आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जाती हैं जो कि बच्चों से पोर्नोग्राफी में काम करवाते हैं. या फिर इन्टरनेट पर इसका डिस्ट्रीब्यूशन करते हुए पकडे जाते हैं. इस धारा में कम से कम 5 और अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती हैं. (पॉस्को धारा 14)
पॉस्को धारा 18 (POCSO SECTION 18 IN HINDI)
बच्चों के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को इस धारा के तरह सजा हो सकती हैं. इसमें अधिकतम 1 वर्ष की सजा का प्रावधान हैं.
पॉस्को धारा 21 (POCSO SECTION 21 IN HINDI)
बच्चों के साथ हुए अत्याचार को छुपाने वाले को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया हैं. जिसमे 6 माह की सजा हो सकती हैं.
पॉस्को कहाँ कहाँ लागू हैं
पॉस्को अधिनियम पुरे देश में सभी जगह लागू हैं. इस अधिनियम की सुनवाई विशेष अदालत में कैमरे के सामने बच्चे के माता पिता और जिन पर पीड़ित भरोसा करता हैं की उपस्थिति में की जाती हैं. यह पूरी सुनवाई बंद कमरे में की जाती हैं ताकि बच्चे की पहचान गुप्त रखी जा सके.
कहाँ की जा सकती हैं रिपोर्ट दर्ज
यदि किसी बच्चे के साथ किसी ने दुष्कर्म किया हैं और यह किसी शख्स को पता हैं तो उसे तुरंत नजदीकी थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए यदि वह ऐसा नहीं करता हैं तो उसे भी अपराधी माना जायेगा.
मेडिकल जाँच
मामले की रिपोर्ट होने के बाद पुलिस की यह जवाबदेही हैं कि पीड़ित का मामला 24 घंटो के अन्दर बाल कल्याण समिति के सामने लाया जाए. जिससे पीड़ित की सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाये जा सके. इसके साथ ही बच्चे का मेडिकल जाँच करवाना भी अनिवार्य हैं. मेडिकल जांच बच्चे के माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में किया जाना चाहिए, जिस पर बच्चे का विश्वास हो, और पीड़ित अगर लड़की है तो उसकी मेडिकल जांच महिला चिकित्सक द्वारा ही की जानी चाहिए
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