धर्म में मनुष्य जीवन के सोलह संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार विवाह है. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए एक अच्छे जीवन साथी की आवश्यकता होती है. वैवाहिक जीवन में एक स्त्री का बहुत अधिक महत्व होता है. स्त्री ही किसी घर को स्वर्ग बना सकती है ओर नर्क भी. इसिलिये शादी के लिए एक ऐसी लड़की का चयन करना चाहिए, जो कि अपने पति और परिवार दोनों को प्रेम पूर्वक संभाल सके. हिन्दू धर्मग्रंथो में विष्णु पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है. विष्णु पुराण में स्त्रियों के संबंध में कई बातें बताई गई हैं. इस पुराण में 4 ऐसी स्त्रियां बताई गई हैं, जिनसे विवाह नहीं करना चाहिए.
आइये जानते है ऐसी महिलाओ के बारे में जिनसे शादी नही चाहिए
1.माता या पिता पक्ष की ओर से कोई रिश्ता हो
कहा जाता है की किसी को बी पाने रिश्तेदारी में विवाह नही करना चाहिए. और व्यक्ति को उस स्त्री से तो कभी शादी नहीं करना चाहिए, जिसका हमारे पिता या माता की ओर से कोई रिश्ता हो. शास्त्रों में भी कहा गया है की आपसी रिश्तेदारी या एक ही गोत्र में विवाह करना मना है. इससे अनुवांशिक बीमारियां होने की भी संभावनाएं रहती हैं. विष्णु पुराण में कहा गया है कि जिस स्त्री से माता पक्ष से पांचवीं पीढ़ी तक और पिता पक्ष से सातवीं पीढ़ी तक रिश्ता जुड़ा हुआ हो, उससे शादी नहीं करना चाहिए.
2.देर तक सोने वाली
जो महिलाये देर तक सोती है वे महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाती है. देर तक सोना आलस्य की निशानी होती है. और आलसी स्त्री घर को साफ-स्वच्छ नहीं रख सकती. घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहे इसके लिए साफ-सफाई रहना बहुत जरूरी होता है. घर में गंदगी होने से गरीबी बढ़ती है. साथ ही देर तक सोना कई बिमारियों का भी कारण बन सकता हैं. इसलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए, जो देर तक सोती हो या आलसी हो.
3.बुरा बोलने वाली
अधिकतर कहा जाता है कि हमारी वाणी में ही मां सरस्वती का निवास होता है. जो स्त्री मधुर वाणी बोलने वाली होती है, उससे मां सरस्वती सदैव प्रसन्न रहती हैं. बुरे या कटु वचन बोलने वाली स्त्री का स्वभाव भी उसकी भाषा की तरह बुरा ही होता है. ऐसी स्त्री की वजह से घर में अशांति का वातावरण बना रहता है. इसीलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए.
4.दुष्ट पुरुष से संबंध रखने वाली
एक संस्कारी युवती को दुष्ट पुरुष से मेल-जोल नहीं बढ़ाना चाहिए. और जो स्त्री ऐसा करती है कभी भी किसी मुश्किल में फंस सकती है. दुष्ट पुरुष उस स्त्री का उपयोग अपने निजी हित के लिए कर सकता है. और उस दुष्ट पुरुष की संगत में रहने से स्त्री का स्वभाव भी वैसा हो सकता है. ऐसा होने से उसके चरित्र में भी दोष आ जाता है. अतः किसी भी पुरुष को ऐसी स्त्री से विवाह नही करना चाहिए, जो दुष्ट पुरुष से संबंध रखती हो.