[nextpage title=”nextpage”]आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में ऐसी कई नीतियां बताई है जिनके पालन करने से कोई भी व्यक्ति सुखी और श्रेष्ठ जीवन व्यतीत कर सकता है. यदि चाणक्य की इन नीतियों का पालन किया जाये तो हम किसी भी परेशानी से आसानी से बच सकते हैं. आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन के सूत्रों में एक यह बात भी बताई है कि हमें किन लोगों या चीजों के बीच में से होकर नहीं निकलना चाहिए. और यदि हमने ऐसा किया तो इसका हमें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार-
“विप्रयोर्विप्रवह्नेश्च दम्पत्यो: स्वामिभृत्ययो:।
अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च।।“
चाणक्य नीति के इस श्लोक में आचार्य ने 5 ऐसे लोग और चीजों के बारे में बताया है जिनके बीच में से नही निकलना चाहिए–
1. दो ज्ञानी लोग
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब कभी भी दो ब्राह्मण अथवा ज्ञानी लोग बात करते हो तो हमें उनके बीच में से कभी नही निकलना चाहिए. हम सभी ने एक पुरानी कहावत जरुर सुनी होगी कि “ज्ञानी से ज्ञानी मिलें करें ज्ञान की बात” अर्थात जब भी दो ज्ञानी लोग मिलते हैं तो वे ज्ञान की ही बातें करते हैं. अत: उस समय हमें उनके बीच से नही निकलना चाहिए, नही तो उनकी बातचीत में बाधा उत्पन्न हो सकती है.
इसे भी पढ़े: सुबह की ये आदतें बढाती है आपका वजन, कुछ बदलाव करके देखिये
2. ब्राह्मण और अग्नि
चाणक्य नीति के अनुसार यदि किसी भी स्थान पर कोई ब्राह्मण यज्ञ कर रहा हो या फिर अग्नि के पास बैठा हो तो हमें ब्राम्हण और अग्नि इन दोनों के बीच में से कभी भी नहीं निकलना चाहिए. यदि वह ब्राह्मण हवन या यज्ञ कर रहा होगा तो हमारी वजह से उसके यज्ञ अथवा पूजन में बाधा उत्पन्न हो सकती है या अधूरा रह सकता है.
अगले पेज पर जाने के लिए Next पर क्लिक करें..
[/nextpage]
[nextpage title=”nextpage”]
3. मालिक और नौकर
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब कोई स्वामी अपने सेवक से बात कर रहा हो तो भी हमें उनके बीच में से कभी नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि उस समय यदि स्वामी अपने सेवक से कोई जरूरी बात कर रहा होगा तो उनकी बातचीत में बाधा उत्पन्न हो सकती है. अतः ऐसे समय में हमें मालिक और नौकर के बीच से नही निकलना चाहिए.
4. पति और पत्नी
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी स्थान पर किसी भी विवाहित जोड़े अर्थात पति-पत्नी के खड़े अथवा बैठे होने पर उनके बीच में से नही निकलना चाहिए. चाणक्य के अनुसार ऐसा करना अनुचित होता है. क्योंकि किसी भी पति-पत्नी के बीच से निकलने पर उनका एकांत भंग हो जाता है. संभावित है कि पति-पत्नी अपने घर-परिवार की किसी गंभीर समस्या पर बातचीत कर रहे हों अथवा अपने निजी वैवाहिक जीवन से संबंधित बातचीत कर रहे हों तो हमारी वजह से उनकी बातचीत में बाधा उत्पन्न हो सकती है.
इसे भी पढ़ें: अर्द्धनारीश्वर शिव की महिमा और पीछे का रहस्य जाने
5. हल और बैल
आचार्य चाणक्य के अनुसार हल और बैल के बीच से भी कभी नही निकलना चाहिए. यदि किसी जगह पर हल और बैल एक साथ दिखाई देते है तो उनके बीच में से निकलने पर चोट भी लग सकती है. और यह हल और बैल के लिए भी असहनीय हो सकता है जिससे हमारा नुकसान हो सकता है. अत: हमें कभी भी हल और बैल के बीच से नहीं निकलना चाहिए.[/nextpage]