गायत्री मंत्र का अर्थ, जप करने की विधि और इससे होने वाले फायदे की सूची | Gayatri Mantra Meaning, Jap Vidhi and Benefits in Hindi
हिन्दू धर्म में मंत्रो को विशेष महत्व दिया जाता है. क्योंकि इन मंत्रो के उच्चारण से मन की शुद्धि होती है. साथ ही हमारे जीवन में आने वाली समस्त समस्याओ का समाधान भी मंत्र के जप के द्वारा हो सकता है. हिन्दू धर्म शास्त्रों में मंत्रों की महत्ता को बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है. अनेक मंत्रो के संग्रह में सबसे ज्यादा प्रभावी माने जाने वाला मंत्र गायत्री मंत्र है. गायत्री मंत्र के जप करने से बहुत जल्दी शुभ फल प्राप्त होते है.
गायत्री मंत्र का जप करने का उचित समय (Right Time For Gayatri Mantra)
शास्त्रों में गायत्री मंत्र के जप के लिए तीन समय बताए गए हैं, मंत्र जप के समय को संध्याकाल भी कहा जाता है. गायत्री मंत्र जप के तीन समय निम्न है
- गायत्री मंत्र के जप का पहला समय सुबह का समय माना गया है. सूर्योदय होने से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू करना चाहिए और सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए.
- मंत्र जप के लिए दूसरा समय दोपहर का है. दोपहर में भी गायत्री मंत्र का जप किया जाता है.
- तीसरा समय शाम का माना जाता है, सूर्यास्त से कुछ देर पहले. सूर्यास्त से पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए.
यदि कोई व्यक्ति संध्याकाल के किसी अतिरिक्त समय गायत्री मंत्र का जप करना चाहता है तो उसे मौन रहकर या मानसिक रूप से जप करना चाहिए. मंत्र का जप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए.
गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)
गायत्री मंत्र का अर्थ (Gayatri Mantra Meaning)
उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें. वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे. यही प्रार्थना हम गायत्री मंत्र में करते है.
गायत्री मंत्र जप करने की विधि (Gayatri Mantra Jap Vidhi)
गायत्री मंत्र के जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है. जप करने से पहले स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र कर लेना चाहिए. मंत्र जप करने की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए. गायत्री मंत्र का जप घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री माता का ध्यान करते हुए करना चाहिए.
गायत्री मंत्र जप का जप करने के फायदे (Gayatri Mantra Benefits)
- हमारे मन में उत्साह एवं सकारात्मकता बढ़ती है.
- हमारे शरीर की त्वचा में चमक-दमक आती है.
- समाज में व्याप्त बुराइयों से हमारा मन दूर होता है.
- हमारा मन धर्म और समाज सेवा के कार्यों में लगता है.
- हमे पूर्वाभास होने लगता है.
- यदि कोई व्यक्ति आशीर्वाद देता है तो उसके आशीर्वाद देने की शक्ति बढ़ती है.
- स्वप्न सिद्धि प्राप्त होती है.
- क्रोधी व्यक्ति का क्रोध शांत होता है.
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