हिन्दू धर्म शास्त्रों में देवताओ को प्रसन्न करने के कई उपायों का वर्णन किया गया है. इन उपायों के माध्यम से हम देवताओ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. ऐसा ही एक उपाय यह भी है जिसके द्वारा हनुमानजी सपने में आकर साधक की मनोकामना को पूर्ण करने का वचन देते है. यह एक अनुष्ठान की तरह होता है जिसकी अवधि 81 दिन की है.
जो उपाय हम आपको बताने जा रहे है यह उपाय गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तक हनुमान अंक में बताया गया है. इस उपाय को करने के लिए हनुमान जयंती को शुभ दिन माना जाता है किन्तु इसे किसी अन्य शुभ दिन से भी शुरू कर सकते है. शुभ दिन से प्रारम्भ करने से विशेष फल प्राप्त होता है.
आइए जानते है कैसे किया जाता है यह उपाय और इसको करने में क्या-क्या सावधानियां बरतनी पड़ती है –
सावधानी
हनुमानजी के लिए इस उपाय को करते कठिन नियमो का पालन करना चाहिए. इस उपाय को करते समय ब्रह्मचर्य का भी पालन करना अनिवार्य है. इसके साथ ही क्षौर कर्म जैसे- नाखून काटना, बाल या दाड़ी भी नही कटवाना चाहिए. शराब व मांस का सेवन भी नही करना चाहिए.
विधि :-
1. इस उपाय को करने के लिए सर्वप्रथम हनुमान जयंती या किसी अन्य शुभ दिन स्नान आदि करने के बाद एक ताम्बे के कलश में जल लेकर हनुमानजी के मंदिर में जाएं. कलश के जल से हनुमानजी की मूर्ति को स्नान कराएं. पहले दिन उड़द का एक साबूत दाना हनुमानजी के सिर पर रखकर हनुमानजी की 11 परिक्रमा करें.
2. हनुमानजी की परिक्रमा करने के बाद हनुमानजी के समक्ष अपनी इच्छा कहें और तत्पश्चात वह उड़द का दाना लेकर घर लौट आएं तथा उसे पूजा घर या किसी शुद्ध स्थान पर अलग रख दें.
3. दूसरे दिन से एक-एक उड़द का दाना प्रतिदिन बढ़ाते रहें और प्रतिदिन हनुमानजी की परिक्रमा करते रहे. इस प्रकार को 41 दिन तक करें.
4. उसके बाद 42वें दिन से एक-एक दाना कम करते जाये. जैसे 42वें दिन 40 दाने, 43वें दिन 39 दाने और 81वें दिन 1 दाना.
5. इस प्रकार 81 दिन का यह उपाय पूरा होने के पश्चात हनुमानजी साधक को सपने में दर्शन देते हैं व उसकी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद भी देते हैं. और उसकी मनोकामना पूरी होती है.
6. उसके बाद इस अनुष्ठान के पूरा होने के पश्चात उड़द के जितने भी दाने आपने हनुमानजी को चढ़ाएं हो उन्हें किसी प्रसिद्ध नदी में प्रवाहित कर दें. ताकि वे दाने किसी के पैर में न आये.