हिन्दू धर्म में अनेक देवी देवताओ को पूजा जाता है और माना जाता है. सभी देवी-देवताओ के लिए अलग-अलग मंत्रो का वर्णन मिलता है. मंत्रो की इस कड़ी में एक मंत्र है ॐ. हमारे धार्मिक ग्रंथों में ओम (ॐ) को न सिर्फ मंत्र बल्कि महामंत्र माना गया है और ॐ के नियमित जप करने की सलाह दी गई है. कई वैज्ञानिको और डॉक्टर्स ने भी इस पर रिसर्च किया है और बताया है की ॐ के नियमित जप से कई तरह की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में लाभदायक हैं. आइए हम आपको इसके कुछ फायदों से अवगत करवाते है–
सबसे पहले यह जान ले की ॐ का उच्चारण कैसे करें?
आप ओम (ॐ) का उच्चारण किसी भी सहज स्थिति में बैठकर कर सकते है. ॐ का उच्चारण करते समय आंखें बंद करके गहरी सांस लें और फिर ओम (ॐ) का उच्चारण करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ते रहिये. ॐ का उच्चारण करते समय यह कोशिश करें कि इस समय आपको पूरे शरीर में कम्पन महसूस हो. यदि ॐ का उच्चारण करते समय कान बंद कर लेंगे तो इससे और भी अधिक लाभ मिलेगा.
ओम (ॐ) का जप करने से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ—
थाइरॉइड की समस्या – ॐ का उच्चारण करने से हमारे गले में कम्पन उत्त्पन्न होता है. इससे जिस किसी भी व्यक्ति थाइरॉइड है उसमे राहत मिलती है.
एंग्जायटी – ॐ का उच्चारण करने से एंग्जायटी, घबराहट जैसी समस्याए दूर होती हैं.
तनाव और टेंशन – ॐ का उच्चारण करने से हमारे शरीर को मानसिक शांति मिलती है. और तनाव और टेंशन से मुक्ति मिलती है.
ब्लड सर्कुलेशन – शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित रखने के लिए नियमित रूप से ॐ का उच्चारण करना चाहिए. ॐ का उच्चारण करने से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती हैं.
स्वस्थ हृदय – ॐ का उच्चारण करने से फेफड़े, BP, और ब्लड सर्कुलेशन में इम्प्रूव होता है. ॐ के उच्चारण से हृदय स्वस्थ रहता है.
डाइजेशन – ॐ का उच्चारण करने से पेट में कम्पन होता है जिसके कारण डाइजेशन बेहतर होता है.
उर्जा – ॐ का उच्चारण करने से ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. जिससे हमारे शरीर में उर्जा का प्रवाह बढता है.
थकान – ॐ का उच्चारण करने से थकान दूर होती है. काम करते समय भी तंदरुस्ती रहती है.
अच्छी नींद – यदि सोने से पहले ॐ का उच्चारण किया जाये तो नींद अच्छी आती है. और नींद नही आने की समस्या भी दूर होती है.
फेफड़े स्वस्थ रहते है – ॐ का उच्चारण फेफड़े की क्षमताओ में वृद्धि होती है. क्योंकि ॐ के उच्चारण से शरीर को अधिक से अधिक ऑक्सीजन मिलती है.
स्ट्रांग स्पाइन – ॐ का उच्चारण करने से स्पाइनल कार्ड में भी कम्पन होता है. इससे रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है.
सक्रीय दिमाग– ॐ का उच्चारण करने से दिमाग में कम्पन होता है. इससे ब्रेन का कॉन्सट्रेशन बढ़ता है. और दिमाग सक्रीय रूप से कार्य करता है.