[nextpage title=”nextpage”]हिन्दू धर्म में श्री गणेश को सर्वप्रथम पूजा जाता है. किसी भी धर्मिक अनुष्ठान में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. गणेश जी के अनेक स्वरुप में दर्शन होते है और इनके अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है. किसी भी शुभ काम की शुरुआत में गणेशजी का पूजन किया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है की गणेश जी की पूजा करने से कार्य की सिध्दी होती है और कार्य बिना बाधा के पूरा हो जाता है. आज हम आपको श्रीगणेश की 4 ऐसी चमत्कारी मूर्तियों के बारे में बतायेंगे जिनकी पूजा करने से घर-परिवार पर देवी लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और गरीबी दूर होती है.
आइये जानते है ऐसे फल देने वाले श्री गणेश के बारे में–
हल्दी की गांठ से बने श्रीगणेश की मूर्ति
ऐसी हल्दी की गांठ चुनिए, जिसके अंदर श्री गणेश की आकृति दिखाई दे. और उसके बाद श्री गणेश जी का ध्यान करते हुए इस हल्दीगांठ की पूजा प्रतिदिन करें. सोने और हल्दी से बनी गणेश प्रतिमा समान फलदायी होती है.
गोमय यानी गोबर से बने श्रीगणेश की मूर्ति
ऐसा माना जाता है की गाय के गोबर यानी गोमय में महालक्ष्मी का वास होता है. इसी कारण गोमय अर्थात गोबर से बनी श्रीगणेश मूर्ति की पूजा करने से गणेश जी के साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है. अतः गोबर से गणेश जी की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करे.
अगले पेज पर जाने के लिए नेक्स्ट पर क्लिक करें..[/nextpage]
[nextpage title=”nextpage”]लकड़ी से बने श्री गणेश की मूर्ति
हिन्दू धर्म में माना जाता है की वृक्ष में भी देवताओ का वास होता है. ये वृक्ष पीपल, आम, नीम आदि हो सकते है. इस प्रकार के वृक्षों की लकड़ी से बनी श्री गणेश मूर्ति को घर के मुख्य द्वार पर लगाकर मूर्ति की पूजा प्रतिदिन करने से घर के सभी दोष दूर हो जाएंगे. और घर में सुख शांति बनी रहेगी.
श्वेतार्क की गणेश मूर्ति
कभी-कभी सफ़ेद आकड़ें के वृक्ष की जड़ में गणेशजी की मूर्ति बन जाती है. इस प्रकार के गणेशजी को श्वेतार्क गणेश कहा जाता है. इस प्रकार के गणेशजी की मूर्ति की पूजा करने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है. रविवार के दिन या पुष्य नक्षत्र में श्वेतार्क गणेशजी की मूर्ति घर लेकर आएं और प्रतिदिन इसकी पूजा करें. इससे लाभ मिलता है.[/nextpage]