सामाजिक समरसता और संत परंपरा की अद्भुत व्याख्या मालवा प्रान्त प्रचारक श्री पराग जी अभ्यंकर द्वारा चिंतन यज्ञ कार्यक्रम के अंतर्गत की गयी.
समाज में कुरीतियों और भेद भाव का जन्म कब हुआ?
संतो की समाज कल्याण में क्या भूमिका थी?
भगवान बुद्ध के आने से समाज में क्या परिवर्तन हुए?
बाबा साहब आंबेडकर का समाज के लिए क्या योगदान था? आदि सवालों के जवाब आपको इस व्याख्यान द्वारा प्राप्त होंगे..
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