आज कोई सी भी असली मिलना बहुत मुश्किल माना जाता है. व्यक्ति किसी भी चीज को खरीदता है तो सबसे पहले उसके मन में यही विचार आता है की क्या यह चीज असली है. क्योंकि आजकल हर चीज़ सिंथेटिक मटेरियल और केमिकल से बन रही है तो उनके असली होने में संदेह बना रहता है. आज हम आपको दूध के बारे में बताने जा रहे है. दूध में आज से ही नही बरसों से मिलावट का कार्य धडल्ले से किया जाता रहा है.
किन्तु बात यह है कि पहले तो लोग दूध में केवल पानी की मिलावट किया करते थे. जो हमारे स्वस्थ्य के लिए हानिकारक तो होता था पर बहुत कम. या कह सकते है कि पानी मिले दूध से हमारी सेहत पर कुछ ख़ास असर नहीं पड़ता था. किन्तु बदलते जमाने साथ-साथ दूध में मिलावट करने का तरीका भी बदल गया है. पहले दूध में केवल पानी मिला हुआ रहता था किन्तु आज हालात ये है कि लोग दूध में सिंथेटिक पदार्थ मिलाने लग गये है. जिससे वे अपने दुह्द में वृद्धि कर लेते है और हमे पता ही नही चलता है की दूध में कुछ मिलाया भी गया है और हम उसी दूध को शुद्ध मानते हुए पी लेते है. दूध में मिलाये जाने वाले कुछ केमिकल तो इतने भयंकर भी होते है जिनका असर हमारी आने वाली नस्ल भी पड़ सकता है.
आइए आज हम आपको बताते है की दूध की शुद्धता की पहचान कैसे करें–
1. दूध की पहचान करने के लिए सर्वप्रथम आप उसकी खुशबू लें यदि उस दूध में साबुन जैसी गंध आती है तो वह दूध सिंथेटिक है इसके विपरीत शुद्ध दूध में कुछ खास गंध नहीं आती है.
2. शुद्ध दूध स्वाद में हल्का मीठा होता है, जबकि नकली और सिंथेटिक दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने के कारण कड़वा हो जाता है.
3. शुद्ध दूध को कुछ समय या 1 से अधिक दिन भी स्टोर करने पर उसका रंग नहीं बदलता, जबकि नकली दूध कुछ ही समय के बाद पीला पड़ने लगता है.
4. दूध में पानी के मिलावट की पहचान करने के के लिए दूध को एक काली सतह पर थोड़ा सा गिरा दे यदि दूध असली होगा तो उसके पीछे एक सफेद लकीर छूटेगी अन्यथा नही.
5. यदि हम शुद्ध दूध को उबालते है तो उसका रंग नही बदलता है, वहीं नकली दूध उबालने पर पीले रंग का हो जाता है.
6. दूध में पानी की मिलावट की जांच के लिए दूध को किसी चिकनी सतह जैसे लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की एक या दो बूंद टपकाइये आप देखेंगे की यदि दूध शुद्ध है तो निचे की और बहने पर उसके पीछे सफ़ेद धारी जैसा निशान हो जायेगा यदि ऐसा नही होता है तो दूध अशुद्ध है.
7. यदि हम दूध को हाथो में लेकर हाथों के बीच रगड़ते है तो हमे हाथो में कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती तो वह दूध शुद्ध है इसके विपरीत यदि हाथो में चिकनाहट होती है तो दूध अशुद्ध है यह चिकनाहट डिटर्जेंट जैसी होगी.
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