स्वामी रामदेव योग के माध्यम से पुरे विश्व में अपनी पहचान बना चुके है. लेकिन अब हम ये भी कह सकते है कि पतंजलि ने उनकी पहचान में चार चाँद लगा दिए है. पतंजलि ने विश्व की बड़ी बड़ी कंपनियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. आज हम बात कर रहे है पतंजलि को उचाईयों तक ले जाने वाले शख्स की. इस नौजवान का नाम है आदित्य पिट्टी।
बाबा रामदेव और आदित्य पिट्टी की मुलाकात काफी समय पहले हुई थी बाबा गेरुआ वस्त्र पहनते हैं, तो आदित्य प्रोफेशनल हैं और उनके दिमाग में केवल बिजनेस बसता है। आदित्य लंदन के किंग्स कॉलेज में पढ़े है और आज रामदेव के साथ मिलकर पतंजलि के एफएमसीजी कारोबार को अरबों का बना दिया हैं। 11 हजार करोड़ की कंपनी पतंजलि आज देश की दिग्गज कंपनियों में से एक है।
जो पतंजलि ग्रुप साल 2013 में मात्र 1,000 करोड़ रुपए का था, वो आज लगभग 11 हजार करोड़ रुपए के साथ कई बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहा है। इसी दौरान पतंजलि की सोल डिस्ट्रीब्यूटर पिट्टी ग्रुप का रेवेन्यू भी 1,200 करोड़ रुपए का हो गया है। इसी पिट्टी ग्रुप के साथ पार्टनरशिप के बाद 1997 में एक छोटी फार्मेसी चलाने वाली पतंजलि आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों को चुनौती दे रही है। तब पतंजलि अपने प्रोडक्ट्स को आरोग्य केंद्र और चिकित्सालय के एक्सक्लूसिव नेटवर्क से बाहर भी बेचने का फैसला किया था।
पतंजलि के मॉडर्न ट्रेड डिस्ट्रिब्यूटर पिट्टी ग्रुप ने उसके प्रॉडक्ट्स की इंडियन कन्जयूमर्स के बीच ऐसी सुपर मार्केट्स में सस्ती दरों पर मार्केटिंग करके राष्ट्रवाद के उभार को भुनाने में बहुत मदद की। इस समय कंपनी के पास 10,000 फ्रेंचाइजी बेस्ड स्टोर्स का नेटवर्क है और इसके प्रॉडक्ट्स सैकड़ों डिस्ट्रिब्यूटर्स के जरिए लगभग 10 लाख किराना स्टोर्स में बिक रहे हैं। आदित्य पिट्टी ने स्वामी रामदेव की चुनौती उठाकर अपनी क्षमता को साबित कर दिया।