नींद हर व्यक्ति व जानवर की दिनचर्या का एक मुख्य अंग है. आचार्य चाणक्य ने नींद की हर परिस्थिति के लिए अलग-अलग नीतियां बताई हैं. यदि हमारे आसपास कोई व्यक्ति सो रहा है तो उसे जगाने से पहले चाणक्य की इस नीति का ध्यान एक बार कर लेंगे तो आप कई समस्याओं से बच सकते हैं.
आचार्य चाणक्य ने 5 प्राणी ऐसे बताए हैं, जिन्हें नींद से जगाना नहीं चाहिए अन्यथा आपका बड़ा नुकसान हो सकता है
सांपयदि कहीं कोई सांप सो रहा हो तो उसे किसी परिस्थिति में छेड़ना नहीं चाहिए. सभी जानते हैं कि सांप को छेड़ने पर मृत्यु का संकट उत्पन्न हो सकता है. अत: सोते हुए सांप को बिना छेड़े ही वहां से निकल जाना चाहिए.
राजा या मालिकयदि कोई राजा या बड़ा अधिकारी, मंत्री या कोई वरिष्ठ सो रहा हो तो उसे जगाने का प्रयास नहीं करना चाहिए. ऐसे लोगों को जगाने पर वे नाराज हो सकते हैं. पुराने समय में तो राजा को अकारण जगाना भयंकर अपराध माना जाता था, इस अपराध का दंड बहुत भयानक होता था.
मूर्ख व्यक्तियदि कोई मूर्ख व्यक्ति सो रहा है तो उसे सोने देना चाहिए. उसे जगाने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए. यदि मूर्ख व्यक्ति जाग जाएगा तो हमारे लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं. बुद्धिहीन व्यक्ति बेकार की बातों से हमारा समय नष्ट करता है और वे कभी-कभी बिना विचारे ही ऐसे काम कर बैठते हैं, जिनसे हमें किसी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जब तक ये सोते रहेंगे, तब तक हम सुखी रहेंगे.
कोई हिंसक पशुयदि किसी स्थान पर कोई हिंसक पशु सो रहा है तो उसे भी छेड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए. हिंसक पशु कभी भी इंसान पर हमला कर सकता है, जिसे संभाल पाना बहुत मुश्किल होता है.
शेरयदि कहीं सोता हुआ शेर दिखाई दे तो उसे भी छेड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए. शेर इंसानों को देखते ही झपट पड़ते हैं. अत: सोते हुए शेर को जगाए बिना ही वहां से निकल जाना चाहिए.
पराया कुत्तायदि हम किसी व्यक्ति के घर गए हैं और वहां कोई कुत्ता है तो उसे छेड़ना नहीं चाहिए. यदि वह सो रहा है तो उसे सोने ही दें, क्योंकि कुत्ते अजनबी लोगों को देखकर काटने का प्रयास करते हैं.
छोटा बच्चायदि कोई छोटा बच्चा सो रहा हो तो उसे भी जगाना नहीं चाहिए. छोटे बच्चे जागने के तुरंत बाद रोते हैं, जिन्हें चुप कराना सिर्फ उनकी मां के लिए ही संभव है. अन्य कोई व्यक्ति रोते हुए बच्चे को आसानी से शांत नहीं करवा सकता है. छोटे बच्चे के लिए सोना बहुत जरूरी होता है, अत: उसके स्वास्थ्य की दृष्टि से भी उसे जगाना नहीं चाहिए.