बस्तर के जगदलपुर में स्थित ऐतिहासिक और पुराने दंतेश्वरी देवी के मंदिर मंदिर के अंदर दीप अगरबत्ती और धूप जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक दीप अगरबत्ती और धूप मंदिर परिसर के अंदर जलाए जाने से मंदिर की दीवार, पिल्लर और मंदिर के अंदर लगे कैमरे जैसी सामग्री खराब हो रही हैं.
सन 1890 में बने इस मंदिर की ऐतिहासिकता के साथ ही पुरात्तव के लिहाज से ये मंदिर काफी अहम है. धूप अगरबत्ती और दीप जलाने से मंदिर के पर्यावरण और सरंक्षण पर भी खतरा मंडरा रहा है. इसके साथ ही दीप अगरबत्ती से कई बार दानपेटी भी जल चुकी है. इन सब बातों को देखते हुए कमेटी के कमेटी के सचिव ने तहसीलदार को एक पत्र सौपकर मंदिर के अंदर दीप अगरबत्ती सहित धूप के उपयोग पर पांबदी लगाने की मांग की थी.
टेम्पल कमेटी के सचिव तहसीलदार डीडी मंडावी के मुताबिक लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए अब मंदिर परिसर में एक निधार्रित स्थान पर दीप अगरबत्ती और धूप जलाने की व्यवस्था की जा रही है.
निर्धारित स्थान पर देवी भक्त अगरबत्ती, दीप जला सकते हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी उदयचंद पाणिग्राही सहित तहसीलदार डीडी मंडावी ने लोगों से अपील भी की है कि मंदिर की भव्यता ऐतिहासिकता और उसके पुरातत्व के महत्व को समझते हुए लोग इस पर अमल करें.