इतिहास किसे कहते हैं. इसकी उत्पत्ति, महत्व और परिभाषा | What is History, its Definition, Imporatance and Origin in Hindi | Itihas Kise Kahate Hai
एक समय युद्ध और बड़ी बड़ी घटनाओं के विवरण को ही इतिहास माना जाता था. यह इतिहास राजा महाराजा और उनकी नीतियों के बारे में होता था. परंतु आम जनमानस और आधुनिक युग में बच्चों के मन में इतिहास को लेकर कुछ अलग ही सवाल होते हैं. जो हमारे दैनिक जीवन से जुड़े होते हैं. हम सभी के जीवन में कभी ना कभी कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जब हम कुछ बातें और चीजों को जानने के लिए उत्सुक होते हैं. जैसे पुराने जमाने में टीवी और रेडियो जैसे उपकरण नहीं होते थे तो उस समय के लोग कैसे देश और दुनिया की अन्य खबरों के बारे में जानकारी रखते थे या प्राप्त करते थे.
जिस जमाने में हवाई जहाज, रेल और मोटर वाहन नहीं हुआ करते थे उस समय लोग कैसे दूरदराज की यात्राएं संपन्न करते थे. जो अन्न हम खाते हैं उसकी खेती की शुरुआत कब और कैसे हुई. हमारे आज के जीवन और रहन-सहन से उपजे इन सवालों के जवाब अतीत के झरोखे से झांककर ही तलाशे जा सकते हैं. इसलिए इतिहास सिर्फ बीते हुए कल के बारे में ही नहीं बल्कि आज के बारे में भी है. इतिहास सुदूर अतीत से शुरू हुई ऐसी यात्रा है जिसमें किसान, व्यापारी, तीर्थयात्री, धर्म और शिल्पकार आदि है. इतिहास आज राजा रानी महान लोगों की जीवनी और राजनीतिक घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है. इतिहास आम लोगों के बारे में भी है. और आम लोगों के जीवन में आए बदलावों के बारे में भी है.
इतिहास की उत्पत्ति (History Origin)
इतिहास शब्द की उत्पति संस्कृत व्याकरण के विद्वानों के अनुसार इति+ह+आस , इन तीन शब्दों के रूप में स्वीकार की जाती हैं. जिसका अर्थ इस प्रकार से है- निश्चित रूप से ऐसा ही हुआ था. इतिहास शब्द का प्रयोग हमें अनेक प्राचीन ग्रंथों में भी देखने को मिलता हैं. इस शब्द का वर्णन अथर्ववेद में भी मिलता हैं. उपनिषद के अनुसार इतिहास को पांचवा वेद भी माना गया हैं. अंग्रेजी में इतिहास को हिस्ट्री (history) कहते हैं. यह शब्द यूनानी लोरोपला (loropla) से ग्रहण किया गया हैं.
विभिन्न इतिहासकारों द्वारा इतिहास की परिभाषा (History Definition)
डॉ. राधाकृष्णन के अनुसार इतिहास राष्ट्र की स्मरण शक्ति होती है. परंतु इस कथन से भी समस्त इतिहासकार पूर्ण रूप से सहमत नहीं है तथा इसमें कुछ सत्यता भी हो सकती हैं क्योंकि अनेक राष्ट्रों तथा मानव जातियों को अपने विस्मृत गौरव तथा अतीत की जानकारी इतिहास से होती है.
लालबहादुर वर्मा के अनुसार अतीत के प्रति मनुष्य का नैसर्गिक लगाव होता है, इतिहास इस लगाव को इतिहास बोध में बदल देता है. संवेदना और भावना के यथार्थ को बौद्धिक यथार्थ, ज्ञान व विवेक में विकसित कर सकता है. अर्थात उस लगाव को प्रासंगिक तथा उपयोगी बना सकता है.
कॉलिंगवुड के अनुसार इतिहास अद्वितीय ज्ञान है और यह मनुष्य के संपूर्ण ज्ञान का स्त्रोत है. यह सत्य ही प्रतीत होता है क्योंकि इतिहास में ही मनुष्य जाति का संपूर्ण अतीत समाया हुआ है.
चार्ल्स फर्थ के अनुसार इतिहास ज्ञान की एक शाखा नहीं अपितु एक विशेष प्रकार का ज्ञान है जो मनुष्य के दैनिक जीवन में उपयोगी है.
हेनरी पिनेरे के अनुसार इतिहास समाज में रहने वाले मनुष्य के कार्यों तथा उपलब्धियों की कहानी है.
रैपसन अनुसार घटनाओं अथवा विचारों का अति से संबंद्ध विवरण ही इतिहास है.
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Thanks aapki bajah se Mera kaam ho Gaya or bhi esi chij dete rahiyega ok and again thanks so much
Very good difination in history
It is so helpful for us thanks