रोमिला थापर का जीवन परिचय | Romila Thapar Biography in Hindi

रोमिला थापर का जीवन परिचय (जन्म, शिक्षा, रचनाएँ) और उनके अनमोल विचार | Romila Thapar Biography (Birth, Education ) in Hindi

प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर अपने अवधूत ध्यान के लिए जानी जाती है. उनकी महानता उनकी किताबों में सम्यक रूप से झलकती है. वह ना केवल एक महान इतिहासकार है बल्कि एक महान व्यक्तित्व भी है. वह वर्तमान में नई दिल्ली के जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं.

बिंदु(Points)जानकारी (Information)
नाम (Name)रोमिला थापर
जन्म (Birth)30 नवंबर 1931
जन्म स्थान (Birth Place)लखनऊ
शिक्षा (Education)लन्दन विश्वविद्यालय (डॉक्टरेट में)
कार्यक्षेत्र (Profession)इतिहासकार, लेखक
मुख्य प्रसिद्घ कार्य (Major Work)अशोक और मौर्यों की गिरावट और 4 अन्य

रोमिला थापर जन्म और प्रारंभिक जीवन (Romila Thapar Birth & Intial Life)

रोमिला थापर का जन्म 30 नवंबर 1931 को लखनऊ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. इनके पिताजी भारतीय सेना में पदस्थ है. अपने पिता के सेना में होने के कारण इनका बचपन भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यतीत हुआ. इन्होने अपना स्नातक पंजाब विश्वविद्यालय से पूर्ण किया था. जिसके बाद इन्होने वर्ष 1958 में लन्दन विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. जिसके बाद इन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय, लंदन विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर के रूप में भी कार्य किया.

रोमिला थापर पुस्तकें

रोमिला थापर का झुकाव शुरू से ही प्राचीन भारत की ओर था और उन्हें इस विषय में काफी अच्छा ज्ञान है. विश्वविद्यालयों में भी प्राचीन इतिहास के विषयों पर ही शिक्षण प्रदान करती थी. प्राचीन इतिहास की कुछ पुस्तकें जो इतिहास विषय पर उनके ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं वह इस प्रकार हैं

  1. प्राचीन भारतीय सामाजिक इतिहास: कुछ व्याख्याएं (Ancient Indian Social History: Some Interpretations)
  2. भारत का इतिहास वॉल्यूम वन (A History of India Volume One)
  3. प्रारंभिक भारत: उत्पत्ति से लेकर 1300 तक (Early India: From the Origins to AD 1300)
  4. प्रारंभिक भारतीय इतिहास के हाल के दृष्टिकोण (Recent Perspectives of Early Indian History)
  5. अशोक और मौर्यों की गिरावट (Asoka and the Decline of the Mauryas)

यदि आप हिंदू धर्म की उत्पत्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको रोमिला थापर की किताबों को जरूर पढ़ना चाहिए. इन्होंने हाल में ही सोमनाथ पर बहुत ही बढ़िया शोध किया था उन्होंने अपने ज्ञान से दिखाया की वह एक शानदार इतिहासकार है.

रोमिला थापर करियर (Romila Thapar Career)

रोमिला थापर ने अपनी पहली किताब अशोक और मौर्य का प्रकाशन वर्ष 1961 में किया था. इन्होंने अपनी इस किताब में अशोक और उसके साम्राज्य के सभी पहलुओं की बारीकी से व्याख्या की है. उन्होंने अशोक की धम्म नीति का भी विवरण इसमें किया है उन्होंने कहा कि अशोक का साम्राज्य सांस्कृतिक रूप से तो बहुत समृद्ध था परंतु केंद्रीय प्रशासन की कमियों की वजह से उसका पतन हुआ. इनका लेखन पाठकों को बहुत ही सरल भाषा में समझ में आता है. वह अपनी किताब भारत का इतिहास वॉल्यूम वन में सोलहवीं शताब्दी में हुए यूरोपीय लोगो का आगमन किस प्रकार भारत में हुआ यह बताती है. इन्होंने अपनी पुस्तकों में हिंदुओं और बौद्धों की धार्मिक प्रणालियों का वर्णन भी किया है. अपनी अद्भुत लेखन कला की वजह से ही साहित्यिक क्षेत्र में एक मशहूर हस्ती के रूप में इन्होंने जगह बनाई. इतिहास का इतनी सरल भाषा में वर्गीकरण इनकी लेखन में परिश्रम की पराकाष्ठा का ही परिणाम है.

रोमिला थापर पुरूस्कार (Romila Thapar Award and Honours)

इतिहास पर उनके अद्भुत कार्यों और ज्ञान के कारण, उन्हें बहुत सारे पुरस्कार प्राप्त हुए.

  • 1976 में रोमिला थापर को प्रसिद्ध जवाहर लाल नेहरू फैलोशिप से सम्मानित किया गया था.
  • ऑक्सफोर्ड में लेडी मार्गरेट हॉल में, थापर एक मानद सदस्य है.
  • शिकागो विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद डॉक्टरेट प्रदान किया था.
  • कुछ अन्य विश्वविद्यालय भी हैं, जिनमें एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय से इन्हें मानद डॉक्टरेट प्रदान किया था.
  • 2004 में यूएस लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस द्वारा नियुक्त क्लुज चेयर की वह पहली धारिका थी.
  • उन्होंने वर्ष 1992 और 2005 में पद्म भूषण पुरूस्कार को दो बार वापस कर दिया क्योंकि यह उनके पेशेवर काम से नहीं दिया गया था.
  • उन्हें वर्ष 2008 में बहुप्रतिष्ठित क्लज पुरस्कारओ(Kluge Award) मिला.

रोमिला थापर के विचार (Romila Thapar Thoughts)

Quote-1
“The fundamental sanity of Indian civilization has been due to an absence of Satan.”

~Romila Thapar

Quote-2
“Epic literature is not history but is again a way of looking at the past.”

~Romila Thapar

Quote-3
“Nations have to be built on an inclusive identity.”

~Romila Thapar

Quote-4
“Democracy ceases to be so if it is governed by permanent majoritarian identities of any kind.”

~Romila Thapar

इसे भी पढ़े :

मित्रों आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके अवश्य बताएं.

Leave a Comment