भारत के पाँच कवियों का जीवन परिचय | 5 hindi Poets Biography in Hindi
हमारा भारत एक ऐसा देश है जिसने इस दुनियां और इसके लोगो को कई अनमोल चीजो से नवाजा है. इनमे से एक है, “कवि” और उनकी कविताएँ हमारे देश की सबसे महान शैलियों में से एक है. एक कवि जो प्रकृति और जीवन जुड़ी असल सच्चाई को बड़ी ही खूबसूरती से हमारे सामने पेश करता है, जो लोगो में एक नई उर्जा का संचार करता है. जिनकी कविताएँ लोगो को अलग तरह से सोचने और समझने के लिए मजबूर करती है. एक कवि जो अपनी कविताओं से भिन्न-भिन्न भाषा और संस्कृति को एक साथ संजोता है. भारतीय महानतम कवियों ने हमें जीवन को सही तरीके से जीने की कला सिखाई है. कुछ ऐसे ही कवियों को आपके लिए हमारे इस लेख (भारत के पाँच कवियों का जीवन परिचय) में लेकर आएं है, इनकी कविताएँ पढ़कर मन में एक नई चेतना और सोच जाग्रत होती है, तो चलिए जानते है ऐसे ही कुछ महान कवियों के जीवन के बारे में…
1. कवि गोपालदास नीरज
हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि गोपालदास नीरज ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया. गोपालदास नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में हुआ था. जिसे गुलाम भारत में संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के नाम से जाना जाता था. शुरुआती शिक्षा अपने गृहनगर से उतीर्ण कर इन्होनें मेरठ से आगे की पढ़ाई पूरी की. अपने कॉलेज के समय से ही गोपालदास जी ने कवि सम्मेलनों में काव्यपाठ और गीत-गायन शुरू कर दिया था. कवि सम्मेलनों में गीत गायन से गोपालदास काफी मशहूर गये थे. गोपालदास जी ने कई फिल्मो के लिए गीत भी लिखें है. उनके गीतों को शंकर महादेवन, अलका याग्निक, कुमार सानू, उदित नारायण, मुकेश, एस.डी बर्मन, कविता कृष्णमूर्ति, मन्ना डे, मोहम्मद रफ़ी, किशोर, आशा भोसले और लता मंगेशकर जैसे बड़े नामों ने अपनी आवाज़ दी हैं. गोपालदास नीरज जी को हिंदी साहित्य में अपने योगदान के लिए पद्मभूषण जैसे सम्मान से भी नवाज़ा जा चूका है. ऐसी कई उपलब्धियों से सम्मानित इस महान कवि ने 93 वर्ष की आयु में लम्बी बीमारी के चलते इस दुनिया को अलविदा कह दिया
2. डॉ. कुमार विश्वास
देश के महान कवियों में से एक डॉ. कुमार विश्वास की जिन्होंने इस मोर्डन ज़माने में भी लोगो को अपनी कविताओ का दीवाना बना रखा है. 10 फरवरी 1970 को गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश में जन्मे डॉ. कुमार विश्वास को “कौरवी लोकगीतों” में पीएचडी की डिग्री हासिल है. एक शिक्षक से कवि बने कुमार विश्वास ने अपने हिंदी साहित्य के ज्ञान को अपनी कविताओं में खूब शामिल किया है, जिससे आज कुमार विश्वाश ब्रांड की तरह है जो बच्चो, बड़ो और बूड़ो सभी में अपनी एक अलग चमक बिखरे हुए है. इन्होने अपना हाथ राजनीती में भी अजमाया है. कुमार उन प्रचलित कवियों में से एक है जिन्होंने एक कवि होकर खूब नाम कमाया है. कुमार विश्वास जितने भारत में प्रचलित है उतने ही प्रशंसक उनके विदेशो में भी है. कुमार विश्वास को कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमे, ‘साहित्य-श्री, ‘डॉ॰ उर्मिलेश गीत-श्री, काव्य-कुमार पुरस्कार जैसे सम्मान शामिल है. कुमार आज भी हमारे बिच मौजूद है और अपनी कवितओं और हिंदी साहित्य के ज्ञान को हमारे बिच किसी न किसी माध्यम से पहुंचाते रहते है .
3. कवि प्रदीप
कवि प्रदीप भारत के ऊर्जावान कवि और गीतकार थे. कवि प्रदीप को उनके द्वारा लिखे गए गीत “मेरे वतन के लोगों” के लिए जाना जाता हैं यह गीत उन्होंने 1962 भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए जवानों की श्रद्धांजलि में लिखा था. ये ऐसे कवि थे जिन्हें उनकी याद में उनके जन्म तारीख को कवि प्रदीप जयंती के रूप में मनाया जाता हैं.
06 फ़रवरी 1915 को मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन जिले में जन्मे कवि प्रदीप देश के महानतम कवियों में से एक है . इनका असली नाम रामचंद्र द्विवेदी है, उन्होंने अपने मित्र के कहने पर अपना नया छोटा नाम रखा था. कवि प्रदीप ने कई हिंदी फिल्मो के लिए गीत लिखे है, जिनमे ‘अंजान’, ‘किस्मत’, ‘झूला’, ‘नया संसार’ और ‘पुनर्मिलन’ आदि जैसी फिल्मे शामिल है. प्रदीप एक अच्छे गीतकार होने के साथ साथ एक अच्छे गायक भी थे. कवि प्रदीप ने अपनी कविताओं के जरिये देशवासियों में दिलों में देशभक्ति और साहस जगाने का काम भी किया है. उनके द्वारा लिखे गए गीत ने लाखों युवाओं के दिलों में जोश भर दिया करते थे. कवि प्रदीप को प्रधानमंत्री द्वारा ‘राष्ट्रकवि’ जैसे सम्मानो से सम्मानित किया गया है. 1700 गीत लिखे. उनका निधन 11 सितम्बर 1998 को 83 वर्ष की उम्र में कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए हुआ.
4. रवीन्द्रनाथ टैगोर
रवीन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं. वे राष्ट्रीय गान के रचनाकार और साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता भी थे. रवीन्द्रनाथ टैगोर बंगाली कवि, ब्रह्म समाज के दार्शनिक, चित्रकार और संगीतकार और एक सांस्कृतिक समाज सुधारक भी थे.आज भी रविन्द्रनाथ टैगोर को उनके काव्य गीतों और साहित्य रचना के लिए जाना जाता है. उनके साहित्य आध्यात्मिक और मर्यादा पूर्ण रूप से अपने कार्यों को प्रस्तुत करते थे. वे अपने समय की उन महान शख्सियत में से है जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया. गुरुदेव के नाम से रबीन्द्र नाथ टैगोर ने बांग्ला साहित्य को एक नई दिशा दी थी. उनकी रचनायें बांग्ला साहित्य में एक नई ऊर्जा ले कर आई थी. इन्होने कई उपन्यास लिखे है जिनमे,चोखेर बाली, घरे बहिरे, गोरा आदि शामिल है.
टैगोर ने हजारो गीतों की रचना की है. उनका संगीत बांग्ला संस्कृति का अमूल्य हिस्सा है. टैगोर का संगीत उनके साहित्य का अभिन्न अंग है, उन्हें अलग नहीं किया जा सकता. रवीन्द्रनाथ टैगोर की ज्यादातर रचना उनके संगीत में शामिल हो चुकी है. अलग-अलग रागों में टैगोर जी के गीत सुनकर ऐसा लगता है जैसे मानो उनकी रचना उस राग विशेष के लिए ही की गई थी. प्रकृति के प्रति गहरा प्रेम रखने वाले रविन्द्र नाथ टैगोर, ऐसे एकमात्र व्यक्ति है जिन्होंने दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा है.
5. डॉ. हरिवंश राय बच्चन
डॉ. हरिवंश राय बच्चन एक महान और उच्च कोटि के कवि थे. उनकी दिल को छू जाने वाली काव्यशैली वर्तमान समय में भी हर उम्र के लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ती है. बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावत काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं. हिन्दी फिल्म के महानायक अमिताभ बच्चन उन्ही के सुपुत्र हैं. डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी ने हिंदी साहित्य में अविस्मर्णीय योगदान दिया है. ये उन कवियों में से है जो देश की आज़ादी की लड़ाई में भी शामिल हुए थे. बच्चन व्यक्तिवादी गीत कविता या हालावादी काव्य के अग्रणी कवि हैं. उनकी कुछ महान कृतियाँ जिनमे मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगिनी अदि जैसी कृतियाँ शामिल है. डॉ. हरिवंश राय बच्चन को पद्मभूषण जैसी उपाधि से भी नवाज़ा जा चूका है. बच्चन जी सर्वथा हिन्दी भाषा को विशेष महत्व और सम्मान देते थे, और अपनी मातृ भाषा का प्रसार भी करते थे. उन्हे प्रसिद्ध लेख ओथेलो, श्रीमदभगवद गीता, मैकबेथ और शेकस्पियर के सटीक हिन्दी अनुवाद के लिए याद किया जाता है.