एयरचीफ मार्शल अर्जन सिंह का जीवन परिचय | Air Field Marshal Arjan Singh Biography [Personal Life, Education, Military & Political and Awards]
भारतीय रक्षा सेनाओं में भारतीय वायु सेना एक अलग महत्व रखती हैं. एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह भारतीय वायु सेना के पहले पांच सितारा रैंक ऑफिसर हैं. इन्होने न सिर्फ भारतीय वायुसेना के कई विशेष पदों पर कार्य किया बल्कि कई संवैधानिक पदों का भी निर्वहन किया.
जन्म, शिक्षा और प्रारंभिक जीवन(Arjan Singh Birth, Education and Initial Life)
अर्जन सिंह का जन्म 14 अप्रैल 1919 को पंजाब के लायलपुर में एक जाट परिवार में हुआ था जो इस समय पकिस्तान का फैसलाबाद जिला में आता हैं. इनके पिता का नाम किशन सिंह था जो कि एक रिसालदार के रूप मे कार्य करते थे. इनकी माता का नाम करतार सिंह था, वह एक गृहणी थी. अर्जन सिंह के दादाजी ने भी 1917 के दौरान रिसालदार मेजर के रूप में कार्य किया. इनके परिवार के अधिकांश लोग सेनाओ में कार्यरत थे.
अर्जन सिंह की प्रारंभिक शिक्षा लायलपुर में हुई. उन्होंने मांटगोमरी के एक स्कूल में मैट्रिक की परीक्षा पास की. अर्जन सिंह एक अच्छे खिलाडी भी थे. उन्होंने कई बार राज्यस्तरीय स्कूल प्रतियोगिता में भाग लिया. डिस्क थ्रो में उन्होंने पंजाब राज्य की ओर से रिकॉर्ड भी बनाया था. इससे उनका नाम उनके स्कूल के साथ साथ पूरे पंजाब में भी प्रसिद्ध हो गया था. स्कूली शिक्षा के बाद उन्हें 1938 में लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज में सफलता से प्रवेश मिल गया. कॉलेज जीवन में उनकी खेल प्रतिभा में और निखार आ गया. और वे अच्छे एथलेटिक बन गए.
व्यक्तिगत जीवन(Arjan Singh Personal Life)
अर्जन सिंह का विवाह 1948 में तेजी सिंह से भारतीय परंपरा अनुसार हुआ था. इनका वैवाहिक जीवन 63 वर्ष का था. इनका एक पुत्र का नाम अरविन्द और पुत्री का नाम आशा है. महशूर अभिनेत्री मंदिरा बेदी भी इसी परिवार से हैं.
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह का मिलिट्री करियर(Arjan Singh Military Career)
वर्ष 1939 में अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने वायुसेना के अंदर कदम रखा और पायलट के रूप में पहली पदस्थापना प्राप्त की. इसके बाद इन्हें कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया. अपने अच्छे कार्यो के कारण इन्हें ब्रिटेन सरकार की ओर से DFC से सम्मानित किया गया था.
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अर्जन सिंह को 100 भारतीय वायुसेना के विमानों के नेतृत्व की जिम्मेदारी दी गयी थी. ये विमान दिल्ली के लाल किले के ऊपर से गुजरने वाले थे. 1 अगस्त 1964 को 45 साल की उम्र में भारत की वायुसेना के अध्यक्ष बने. पाकिस्तान से खिलाफ हुए 1965 के युद्ध में अर्जन सिंह ने वायुसेना की कमान संभाली थी. इस युद्ध में पाकिस्तान को अमेरिका से समर्थन प्राप्त था. फिर भी अर्जन सिंह ने पाकिस्तानी सेना को जीत हासिल नहीं करने दी थी.
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एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह का राजनैतिक करियर(Arjan Singh Political Career)
वर्ष 1970 में अर्जन सिंह ने अपने कार्यभार से अवकाश प्राप्त किया. भारत सरकार की और से वर्ष 1971 में स्विट्ज़रलैंड में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया. इसके बाद 1974-1977 के बीच केन्या में भारत की ओर से हाई कमिश्नर नियुक्त किया गया. इसके बाद इन्होने भारत सरकार के अंतर्गत “नेशनल कमिश्नर फॉर माइनॉरिटी” के लिए भी कार्य किया. अर्जन सिंह भारत के केन्द्रशाशित प्रदेश दिल्ली के उपराज्यपाल भी रहे. इसके बाद इन्होने 1980 से 1983 तक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली के अध्यक्ष की भूमिका निभाई. वायु सेना के लिए की गई सेवाओ के लिए उन्हें 2002 में सरकार की ओर से वायु सेना के फ़ील्ड मार्शल के पद से नवाज़ा गया.
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह की मृत्यु (Arjan Singh Death)
16 सितम्बर 2017 को 98 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से इनकी मौत हो गयी. इनके अंतिम संस्कार में देश के कई बड़े नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे.
एयरफोर्स स्टेशन अर्जन सिंह(Arjan Singh Airforce Station)
14 अप्रैल 2016 को इनके 97 वें जन्मदिन पर तात्कालिक एयर चीफ मार्शल अनूप राहा ने घोषणा की कि पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में एक एयर बेस का निर्माण किया जायेगा. इस एयरबेस का नाम “एयरफोर्स स्टेशन अर्जन सिंह” रखा जायेगा.
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह के अवार्ड(Arjan Singh Awards)
- पद्म विभूषण
- जनरल सर्विस मेडल 1947
- समर सेवा स्टार
- रक्षा पदक
- सैन्य सेवा पदक
- भारतीय स्वतंत्रता पदक
- प्रतिष्ठित उड़ान क्रॉस
- 1939-45 स्टार
- बर्मा स्टारयुद्ध पदक 1939-1945
- भारत सेवा पदक
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