हुकुमदेव नारायण यादव का जीवन परिचय | Hukumdev Narayan Yadav Biography (Birth, Education, Family, Career) and Awards in Hindi
हुकुमदेव नारायण यादव भारत की 16वीं लोकसभा के सदस्य और पूर्व राज्यमंत्री हैं. हुकुमदेव नारायण यादव बिहार राज्य के मधुबनी लोकसभा सीट से सांसद हैं और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं. वह अपने जोशीले भाषण की वजह से जाने जाते हैं. हुकुमदेव नारायण यादव को वर्ष 1 अगस्त 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उत्कृष्ट सांसद का अवार्ड दिया गया हैं.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम(Name) | हुकुमदेव नारायण यादव |
पेशा(Profession) | किसान, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता, पशुपालन, बागवानी |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 17 नवम्बर 1939 |
जन्म स्थान (Birth Place) | बिहार |
पिता का नाम (Father Name) | राजगीर यादव |
माता का नाम (Mother Name) | चंपा देवी |
पत्नी का नाम (Wife Name) | सुदेश यादव |
धर्मं (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste) | यादव,OBC |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
हुकुमदेव नारायण यादव का जन्म, शिक्षा और प्रारंभिक जीवन (Hukumdev Narayan Yadav Life History and Education)
हुकुमदेव नारायण यादव का जन्म 17 नवम्बर 1939 को बिहार के दरभंगा जिले के बिजुली गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम राजगीर यादव था. इनके पिताजी एक स्वत्रन्तासेनानी थे. इनकी माता का नाम चंपा देवी था. इनकी पत्नी का नाम सुदेश यादव हैं. जिनसे इनके दो लड़के और एक लड़की हैं. हुकुमदेव नारायण यादव ने अपना स्नातक राजीनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र में बिहार युनिवर्सिटी से किया हैं. हुकुमदेव नारायण यादव का झुकाव शुरू ही समाज सेवा की ओर था. वे अपने पिताजी के साथ खेती और पशुपालन का भी काम किया करते थे.
हुकुमदेव नारायण यादव का राजनीतिक करियर (Hukumdev Narayan Yadav Political Career)
वर्ष 1950 में हुकुमदेव नारायण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आये. इन्होने करीब 10 वर्ष तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय भूमिका निभाई. और वर्ष 1960 में पहली बार राजनीति में कदम रखा. वे पहली बार अपने गांव बिजुली पंचायत के ग्राम प्रधान के लिए चुने गए. जिसके बाद वे इस पद पर दोबारा चुने गए और वर्ष 1968 तक इस पद पर कार्य किया. इसी दौरान वे अन्य दायित्वों का निर्वहन करते हुए वर्ष 1977 में पहली बार भारत की छठी लोकसभा के सदस्य बने. इस दौरान वे जनता पार्टी के सदस्य थे. इसके बाद वर्ष 1980 में लोक दल की ओर से राज्यसभा सांसद बने और इसके बाद अन्य और कई दायित्वों का निर्वहन करते हुए वर्ष 1993 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े. जिसके बाद वे एक किसान नेता के रूप में उभरे. वे किसान मोर्चा के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इन्होने भारतीय जनता पार्टी बिहार के उपाध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया.
इसे भी देखे :
- पी. भारतीराजा का जीवन परिचय
- NRC ड्राफ्ट क्या है और असम में क्यों लागू हुआ ?
- जन आन्दोलन क्या होता हैं और इसका महत्व
हुकुमदेव नारायण यादव विभिन्न दायित्व (Hukumdev Narayan Yadav on Various Post)
- ग्राम प्रधान, बिजुली पंचायत (1960-68)
- अध्यक्ष , प्रखंड पंचायत समिति, दरभंगा (1965-67)
- सदस्य, बिहार विधानसभा ( 1967, 69-72)
- अध्यक्ष जिला परिषद (जिला बोर्ड) (1971)
- अध्यक्ष सान्युक सोशलिस्ट पार्टी (सांसोपा), दरभंगा (1972)
- महासचिव, भारतीय लोक दल, बिहार ( 1974-77)
- 6 टी लोकसभा सदस्य, (1977-79)
- महासचिव, जनता पार्टी, बिहार (1977-79)
- सचिव, संसदीय समिति, बिहार (1977-79)
- राज्यसभा सदस्य (1980)
- लोक दल, राज्यसभा सदस्य (1980-86)
- अध्यक्ष चुनाव समिति, लोक दल, बिहार
- उपनेता, राज्य सभा ( 1982-84)
- राष्ट्रीय महासचिव, जनता पार्टी (1983)
- सदस्य, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण समिति (1983-84)
- सदस्य, आधिकारिक भाषा समिति (1985-86)
- अध्यक्ष, जनता पार्टी, बिहार (1985-88)
- 9 वी लोकसभा में फिर से सदस्य (द्वितीय कार्यकाल) (1989)
- सदस्य, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (1989-90)
- सदस्य, सार्वजनिक उपक्रमों की समिति, सलाहकार समिति और वित्त मंत्रालय (1990)
- केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (चंद्रशेखर सिंह की सरकार में) (1990-91)
- 13 वीं लोकसभा (तीसरा कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित (1999)
- केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि (2000)
- केंद्रीय राज्य मंत्री, भूतल परिवहन (2000)
- 15 वीं लोकसभा (चौथा कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित (2009)
- 16 वीं लोकसभा (पाँचवे कार्यकाल) के लिए फिर से निर्वाचित(2014)
हुकुमदेव नारायण यादव रोचक तथ्य (Hukumdev Narayan Yadav Interesting Facts )
हुकुमदेव नारायण यादव को यात्रा करना, पढना, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों भाग लेना पसंद हैं. इन्हें खाली समय में योग, भजन करना और खेल खेलना पसंद करते हैं. कबड्डी, चिक्का और गुल्ली डंडा इनका प्रिय खेल हैं. हुकुमदेव नारायण यादव अभी तक बेल्जियम, चीन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, नेपाल, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड की यात्रा कर चुके हैं. वर्ष 1980 में इन्होने एक किताब लिखी थी जिसका नाम “गाँव की कहानी” हैं. इनके “किसान की बात” और “संसद में गाँव” जैसे विषयों पर लेख कई पत्रिकाओं जैसे जनसत्ता, नवभारत टाइम्स और आर्यव्रत भारत द्वारा प्रकाशित किये गए.