नमस्कार दोस्तों,
Karun Nair Biography in Hindi
हम आज बात करेंगे एक और उभरते और इंडियन क्रिकेट टीम के भविष्य की और अग्रसर खिलाड़ी के बारे में, दोस्तों ये ऐसा खिलाड़ी है जिसने अभी अपने शुरुआती करियर में कदम ही रखा है और कई रिकार्ड्स अपने नाम कर लिए है. हम रिकार्ड्स की बात भी करेंगे पर उससे पहले अब के जीवन के बारे में जान लिया जाये.
दोस्तो वेसे इस होनहार खिलाड़ी को किसी परिचय की जरुरत तो नहीं है पर फिर भी कई लोग इनके बारे में नहीं जानते है, दोस्तों हम बात कर रहे भारतीय टीम के खिलाड़ी करुण नायर की, जी हाँ दोस्तों ये है वो खिलाड़ी जिसने अपने करियर के तीसरे ही टेस्ट मैच में वीरेन्द्र सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ दिया था और इसी रिकॉर्ड के साथ लोगो को अपना मुरीद बना लिया था.
आपको बता दे करुण नायर भारतीय क्रिकेट टीम में दांये हाथ के बल्लेबाज़ के तौर पर खेलते है और ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज है. तो चलिए इनके बारे में शुरू से जानते है.
करुण नायर की जीवनी | Karun Nair Biography in Hindi
करुण नायर का जन्म 06 दिसम्बर 1991 को जोधपुर राजस्थान में हुआ था. करुण के पिताजी कलाधरन नायर एक मैकेनिकल इंजिनियर है और करुण के जन्म के वक्त उनकी पोस्टिंग जोधपुर में ही थी. करुण के जन्म के बाद उनके पिताजी बैंगलोर आ गये और वहीँ चिन्नास्वामी मैदान में स्प्रिंकलर सिस्टम यानि छिड़काव प्रणाली में काम शुरू किया. करुण नायर ने अपनी पढ़ाई बैंगलोर के फ्रैंक अन्थोनी पब्लिक स्कूल से पूरी की. करुण नायर की माँ प्रेमा नायर पेशे से एक टीचर है जो बंगलौर में एक स्कूल में पढ़ाती है. करुण की एक बड़ी बहन भी है जिनका नाम श्रुति नायर है. वर्तमान में श्रुति कनाडा में रहती है.
करुण नायर की माँ बताती है की “करुण को बचपन से क्रिकेट का बहुत शोक था. वो अपने बचपन में गली क्रिकेट खूब खेलते थे. उनका कहना है की करुण की रगों में 10 साल की उम्र से ही क्रिकेट दोड़ने लगा था.” इसी जूनून को देखते हुए करुण नायर के घरवालो ने उन्हें क्रिकेट के प्रति और प्रोत्साहित किया. चलिए अब बात करते है उनके क्रिकेटिंग करियर की…
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करुण नायर का प्रथम श्रेणी क्रिकेट | Karun Nair first-class cricket
करुण नायर का शुरुवाती दौर प्रथम श्रेणी में कुछ खास नहीं रहा पर धीरे धीरे उनके खेल में सुधार आता गया. करुण नायर ने कुछ 5 साल प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें कर्नाटक की रणजी टीम में शामिल कर लिया गया. 2013-14 में इन्होने कर्नाटक में पहला मुकाबला खेला और रणजी ट्राफी से सम्मानित किया गया. जहाँ इन्होने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया. इनके 709 रन के शानदार प्रदर्शन की वजह से कर्नाटक के संघ को जीत मिली. वीरेंदर सहवाग के बाद तिहरा शतक बनाने वाले ये कर्नाटक के दुसरे खिलाडी है और 1946-47 से अबतक रणजी ट्राफी के अंतिम मैच में तिहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज है. ये इनके घरेलु क्रिकेट की कुछ उपलब्धिया है.
करुण नायर का अन्तराष्ट्रीय करियर | Karun Nair International cricket Debut
करुण नायर के अन्तराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 11 जून 2016 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हुई थी. जहाँ उन्होंने अपना पहला अन्तराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेला.
इसके बाद मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ करुण ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. इस सीरीज में नायर ने अंतिम मैच में अपने जीवन का पहला अंतराष्ट्रीय शतक बनाया और इसे नाबाद 303 के रूप में परिवर्तित कर दिया. इन्होने शानदार बल्लेबाजी के इस प्रदर्शन से इतिहास बना दिया. इस शतक को इन्होने तीन परियो में बनाया. इस तिहरे शतक के साथ करुण नायर ने टेस्ट क्रिकेट का पहला सबसे तेज तिहरा शतक बना दिया था जो एक इतिहास बन चूका है.
नायर ने नाबाद 303 रन की यादगार पारी खेली जिसकी बदौलत भारत ने पांचवें और अंतिम मैच के चौथे दिन सात विकेट पर 759 रन से टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया. इस मैच के बाद करुण भारतीय क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले दुसरे बल्लेबाज़ बन गए. इनसे पहले ये रिकॉर्ड सिर्फ वीरेन्द्र सहवाग के नाम था.
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