मोहन राणा का साहित्यिक जीवन परिचय | Mohan Rana Biography, Wiki, Age, Bio, Family, Poems, Education, Sahityik Parichay In Hindi
दोस्तों, आज हम जाने – माने एवं प्रख्यात कवि मोहन राणा का जीवन परिचय आपको बताएँगे. भारतीय हिन्दी साहित्य में मोहन राणा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वर्त्तमान में वे ब्रिटेन के रहिवासी है. मोहन राणा की कविताएँ उनकी अलग भावपूर्ण वैशिष्ट्य के लिए जानी जाती है. कवि आलोचक नंदकिशोर आचार्य भी यह बात के परिणाम को सिद्ध करते है. उन्होंने कहा है की, “हिंदी कविता की नई पीढ़ी में मोहन राणा की कविता अपने उल्लेखनीय वैशिष्टय के कारण अलग से पहचानी जाती रही है, क्योंकि उसे किसी खाते में खतियाना संभव नहीं लगता”. तो आइये मोहन राणा के जीवन यात्रा के बारेमें विस्तार से जानते है –
कवि मोहन राणा का जीवन परिचय | Mohan Rana (Poet) Biography In Hindi
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | मोहन राणा |
जन्म (Date of Birth) | 9 मार्च 1964 |
आयु (Age) | 57 वर्ष (2021तक ) |
जन्म स्थान (Birth Place) | दिल्ली |
पिता का नाम (Father Name) | ज्ञात नहीं |
माता का नाम (Mother Name) | ज्ञात नहीं |
पत्नी का नाम (Wife Name) | ज्ञात नहीं |
पेशा (Occupation ) | लेखक, कवि |
बच्चे (Children) | ज्ञात नहीं |
अवार्ड (Award) | पद्मानंद साहित्य सम्मान |
जन्म और शिक्षा | Mohan Rana Education
मोहन राणा का जन्म 9 मार्च 1964 को दिल्ली में हुआ. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से मानविकी में स्नातक किया है. वर्त्तमान में वे ब्रिटेन के बाथ शहर के निवासी है.
मोहन राणा साहित्यिक परिचय
मोहन राणा समकालीन कवियों में उँचा स्थान रखते है. उनकी कविताओं का ऊँचा एवं गहरा अर्थ महसूस किया जा सकता है. उनकी कविताओं में सामान्य जीवन से जुड़े तथ्यों को मूर्तरूप दिया है. उनकी कविताओं में बाज़ार संस्कृति की शक्तियों के विरुद्ध उनकी सोच भी उभरकर सामने आती है. उनकी भावनापूर्ण कविताएँ यह एहसास दिलाती है जैसे वे सच की एक निरंतर खोज यात्रा कर रहे हों. इससे पता चलता है की उनकी हिन्दी भाषा में कितनी जबरदस्त पकड़ है. उनकी कविताओं की स्तुति करते हुए कवि आलोचक नंदकिशोर आचार्य कहते है.
“हिंदी कविता की नई पीढ़ी में मोहन राणा की कविता अपने उल्लेखनीय वैशिष्टय के कारण अलग से पहचानी जाती रही है, क्योंकि उसे किसी खाते में खतियाना संभव नहीं लगता. यह कविता यदि किसी विचारात्मक खाँचे में नहीं अँटती तो इसका यह अर्थ नहीं लिया जाना चाहिए कि मोहन राणा की कविता विचार से परहेज करती है – बल्कि वह यह जानती है कि कविता में विचार करने और कविता के विचार करने में क्या फर्क है.
मोहन राणा के लिए काव्य रचना की प्रक्रिया अपने में एक स्वायत्त विचार प्रक्रिया भी है”. उनकी कविताओं के अनुवाद अंग्रेजी के अलावा मराठी, ओड़िया, नेपाली, इतालवी, स्पहानी, पुर्तगाली, जर्मन और बेलारूसी में भी हुए हैं.
मोहन राणा रचनाएँ
हम आपको बता दे, उनके 11 कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके है. मोहन राणा के प्रकाशित संग्रह कुछ इस प्रकार –
- जगह (1994)
- जैसे जनम कोई दरवाजा (1997)
- सुबह की डाक (2002)
- इस छोर पर (2003)
- पत्थर हो जाएगी नदी (2007)
- धूप के अँधेरे में (2008)
- द्विभाषी संग्रह विद आइज़ क्लोज़्ड (2008)
- द्विभाषी कविता संग्रह ‘पोयम्स’ (2011)
- रेत का पुल (2012)
- शेष अनेक (2016)
- नवीनतम द्विभाषी कविता संग्रह ‘द कार्टोग्राफ़र’ (2020)
मोहन राणा की प्रतिनिधि कविताएँ
- तीसरा पहर
- घर
- नक़्शानवीस
- पनकौआ
- पानी का रंग
- आएगा संदीपन यहाँ
- चचरी पुल
- तब नाव नहीं थी
- लिखा केवल केवल अनुवाद
- हवा हिलती है कि पेड़
- धोबी
- कुछ कहना
- चकमक
- इस जगह का नाम
- अपनी कही बात
- भरोसा
- एक पैबंद कहीं जोड़ना
- यह जगह काफ़ी है
- होगा एक और शब्द
- साधारण क़मीज़
- अधिक मास
- कि कहने के लिए
- अर्थ शब्दों में नहीं तुम्हारे भीतर है
मोहन राणा को मिले सन्मान एवं पुरस्कार
- यूके हिन्दी समिति लंदन (2004) ने ‘इस छोर पर’ कविता संग्रह को सम्मानित किया था.
- ‘पत्थर हो जाएगी नदी’ को महाराष्ट्र अनुवाद परिषद ने तुका म्हणे साहित्य पुरस्कार (2007) से सम्मानित किया गया.
- ‘धूप के अँधेरे में’ को पद्मानंद साहित्य सम्मान (2008) से लंदन में सम्मानित किया था.
- भारतीय उच्चायोग, लन्दन द्वारा ‘डॉ. हरिवंश राय बच्चन यूके हिन्दी लेखन सम्मान, वर्ष 2019’ में ब्रिटेन में सर्वोत्कृष्ट हिन्दी लेखन के लिए (2020) में उन्हें दिया गया.
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