विज्ञान और वास्तु के अनुसार किस दिशा में मुंह रखकर सोना चाहिए | Best Direction and Position to Sleep According to Vastu and Scientifically
वास्तुशास्त्र के अनुसार शयन हमारी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. भारतीय शास्त्रों में शयन को लेकर कुछ मापदंड निर्धारित किये गए है, किस दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए और किस दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए. नींद का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से गहरा संबंध है. आइये जानते हैं राजीव जी दीक्षित द्वारा बताई गई शास्त्रों में सोने से जुड़ी कुछ खास बातें…
शयन का सही समय (Right Time of Sleeping)
सोने के चार घंटे पूर्व भोजन कर लेना चाहिए और भोजन के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए. सोने के पहले अच्छी तरह से हाथ-पैर धोना चाहिए. जल्दी सोने से जल्दी उठने में सहायता मिलती है. सूर्य उदय होने के पहले जाग जाना चाहिए.
किस दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए (Direction and Position to Sleep)
राजीव जी दीक्षित कहते है कि हमेशा सिर को सूर्य की दिशा मतलब पूर्व दिशा में रखे और पैर पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यदि किसी कारण आप इस दिशा में न सो पाए तो एक और दिशा है दक्षिण दिशा. दक्षिण दिशा में सिर रखे और उत्तर दिशा में पैर रखना चाहिए.
किस दिशा में सर रख कर ना सोए
उत्तर दिशा में सिर रखकर कभी भी नहीं सोना चाहिए. वेदों के अनुसार उत्तर दिशा को सोने के लिए मृत्यु की दिशा माना गया हैं. जबकि दुसरे अन्य कामो में उत्तर दिशा को अच्छा माना गया है. पढाई के दौरान मुख को उत्तर की दिशा में रखकर पढना चाहिए.
आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती अपनी पुस्तक के पहले ही श्लोक में लिखते हैं की मृत व्यक्ति का सिर हमेशा उत्तर दिशा में रहना चाहिए.
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दिशाओं के वैज्ञानिक कारण (Scientific Reason of Sleeping Position)
आधुनिक विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के द्वारा हर वस्तु और व्यक्ति एक बल लगता है. जिससे पृथ्वी उस वस्तु और व्यक्ति को अपनी ओर खिंचती है. जिसे गुरुत्वाकर्षण बल भी कहते है. पृथ्वी के उत्तर और दक्षिण ध्रुव गुरुत्वाकर्षण बल के लिए चुंबक की तरह कार्य करते है. हमारे शरीर में सिर उत्तर और पैर दक्षिण की तरह कार्य करते है.
जब हम उत्तर दिशा में सिर रखकर सोते हैं तो शरीर का उत्तर भी एक ही दिशा में आ जाते हैं. जिससे दो समान दिशाओं अथवा आवेशो के कारण हमारे शरीर पर प्रतिकर्षण बल लगता है. जिसके कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन एक दिशा में हो जाता है. जिससे हमारे नींद में अवरोध उत्पन्न होता हैं.
सिर को दक्षिण में रखकर सोने से हमारे शरीर पर आकर्षण बल लगता हैं. जिसके कारण हमारे शरीर में विस्तार होता है. जिससे शरीर को आराम मिलता है.
अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी….हमे इसी तरह नई जानकारी देते रहिये…
धन्यवाद राघव जी, दिल से देशी से जुड़ें रहें. हम आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे.