पीलिया रोग के लक्षण, बचने के उपाय और घरेलू उपचार (क्या खाएं, क्या ना खाएं) | Jaundice Cause, Prevention and Treatment in Hindi
यकृत में आमतौर पर होने वाले इस रोग को जॉन्डिस और वाइरल हैपेटाइटिस या पीलिया के नाम से जाना जाता है. यह रोग खतरनाक बीमारियों की श्रेणी में आता है. यह बीमारी एक बहुत ही सूक्ष्म वायरस के द्वारा इंसानो में फैलती है. इस बीमारी का सबसे भयावह पक्ष यह है कि प्रारंभिक अवस्था में इस बीमारी का कोई भी लक्षण प्रकट नही होता. यह रोग तभी सामने आता जब यह गंभीर स्तर तक पहुँच जाता है. इसके कुछ लक्षणों में सबसे पहले शरीर की त्वचा और नाखूनों का पीला पड़ना दिखाई पड़ता है. इसके पीले रंग की वजह से आम बोलचाल की भाषा में इसे पीलिया के नाम से जानते है.
पीलिया रोग कैसे होता है (Jaundice in Hindi)
हमारे लीवर में बिलिरुबिन नाम का एक अम्ल पाया जाता है, जिसे हम आम बोलचाल की भाषा मे पित्त के नाम से जानते है. लिवर में पाचन क्रिया के दौरान इसकी जरूरत होती है. पित्त की वजह से ही भोजन नली का खाना सड़ता नही है. इसका प्रमुख कार्य फैट को तोड़ना है. यह पीला रंग का होता है. मल का रंग भी पित्त की वजह से ही ऐसा होता है. जब कुछ भी उल्टा सीधा खाना ज्यादा खाने लगते है जैसे मिर्च, तेल, मसाले का ज्यादा सेवन करने लगते है तो हमारे शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है, और इसका जैसा पीला रंग होता है, वैसा ही पीले रंग का हमारा शरीर भी दिखाई देने लगता है.
पीलिया के लक्षण(Symptoms of Jaundice in Hindi)
- पीलिया एक खून में अशुद्धि होने के कारण जन्म लेने वाली बीमारी है. इस दौरान शरीर पीला पड़ने लगता है.
- पूरे शरीर मे खुजली होती है. यह खुजली रुकती नही है, और शरीर पर जलन होने लगती है.
- इस दौरान शरीर को पर्याप्त पोषण न मिलने से थकान महसूस होती है.
- पेट में दर्द बना रहता है.
- इस रोग के दौरान हमे अपनी नजरो से साफ दिखाई नही देता. सब कुछ थोड़ा धुंधला दिखाई देता है.
- इस रोग में भूख बहुत कम लगती है. कुछ भी खाने की इच्छा नही होती है.
- इस रोग के दौरान पेशाब किडनी में सही तरह से फिल्टर नही हो पाता, और पेशाब का रंग पीला दिखाई देता है.
- हमेशा सिर में दर्द बना रहता है. जी मिचलाना, उल्टियां होना, पेट मे मरोड़ उठना ये इसके सामान्य लक्षण है.
- पीलिया ज्यादा बढ़ने पर रोगी को बुखार भी रहता है.
- नाखून का रंग पीला नजर आने लगता है.
पीलिया रोग से बचाव(Prevention of Jaundice in Hindi)
पीलिया में क्या खाएं? (What to Eat in Jaundice in Hindi)
पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे दवा तो लेनी ही पड़ेगी लेकिन साथ ही खान पान में परहेज भी उतनी ही तत्परता से करना पड़ेगा, नही तो आप इस बीमारी से उबर नही पाएंगे. पीलिया के दौरान खान पान से संबंधित कुछ चीजो का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है.
पीलिया के दौरान खाना ऐसा होना चाहिए
- पीलिया में ऐसा भोजन करना चाहिए जो आसानी से पच सके. जैसे खिचड़ी, दलिया, गेंहू की चोकर युक्त रोटियां खा सकते है.
- पीलिया के रोगी को अधिक से अधिक प्रोटीन और कार्बोज से युक्त भोजन लेना चाहिए.
- पीलिया में साफ पानी पीना चाहिए. पानी मे क्लोरीन डाल सकते है, या उबला हुआ पानी भी पी सकते है.
- पीलिया रोग में मूली के पत्ते से बना जूस बहुत फायदेमंद होता है. इस जूस का लगतार 10 दिनों तक सेवन करने से पीलिया रोग खत्म हो जाता है. यह जूस लिवर को मजबूत बनाता है, और लाल रक्त कणों की संख्या भी बढ़ाता है.
- पीलिया के रामबाण उपाय की बात करें तो वह गन्ने का रस है. पीलिया के दौरान अधिकतर डॉक्टर मरीज को गन्ने का रस पीने की सलाह देते है. गन्ने का रस लिवर की किसी भी कमजोरी को दूर करता है.
- नारियल पानी भी पीलिया के लिए एक औषधि की तरह काम करता है. इसमे पीलिया के मरीज को 4-5 दिनों के अंदर ठीक करने की क्षमता होती है. पीलिया के रोगी को दिन में कम से कम 3 बार नारियल पानी पीना चाहिए.
- संतरे के रस में शरीर के अंदर के व्यर्थ पदार्थो को निकालने की अद्भुत क्षमता होती है. इसलिए पीलिया के मरीज को प्रतिदिन संतरे का जूस जरूर देना चाहिए.
- पीलिया में छाछ का सेवन भी किया जा सकता है. यह भी लिवर को मजबूत करता है और पाचनक्रिया को सही करता है.
- जौ का सेवन पीलिया में विशेष लाभप्रद होता है. इसके खाने के लिए आप करीब 1 कप जौ को एक बर्तन में डाल कर उसे पूरा पानी से भरदे और मध्यम आंच से करीब 2 घंटे तक उबाले. इसके बाद इस पानी को ठंडा करके पिए.
- पीलिया में आंवले का सेवन, नीबू पानी चुकंदर, लौकी की सब्जी, सिंघाड़ा, पपीता ये सब खाने से बहुत फायदा मिलता है.
पीलिया में क्या न खाएं (What Not Eat in Jaundice in Hindi)
- सबसे पहली बात जो पीलिया के मरीज को ध्यान में रखनी है कि वो बाहर की बनी हुई कोई भी चीज न खाएं.
- तेल से बनी हुई चीजें, ज्यादा मिर्च मसाले वाली भोज्य पदार्थ आदि का सेवन पीलिया को और बढ़ाता है.
- अंडे का सेवन एक गरिष्ठ भोजन होता है. इसलिए इसे खाने से बचे.
- मांसाहारी भोजन इस बीमारी के दौरान बिल्कुल भी नही करना चाहिये. इसे पचाने के लिए लिवर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. पर पीलिया की स्थिति में लिवर कमजोर होता है. इसलिए इनके सेवन से बचे.
- वसायुक्त भोजन जैसे तेल, घी आदि इस परिस्थिति में नुकसानदेह है.
- कोल्ड्रिंक, कॉफी, चाय इन सबसे भी बचना चाहिए. इन सभी पेय पदार्थो में कैफीन की मात्रा होती है. कमजोर लिवर की स्थिति में कैफीन का सेवन सही नही होता है.
- केला, दूध, बासी खाना बिल्कुल भी नही खाना चाहिए.
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