टेस्टोस्टेरोन क्या हैं, इसके कम होने के लक्षण और टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के घरेलू उपाय |Low Testosterone Symptoms and Home Remedy to Increase it in Hindi
मानव शरीर कई तत्वों से मिलकर बना होता है. जिनमे मांस, मेद, अस्थि, शुक्र, मज्जा प्रमुख है. इन्ही तत्वों से मिलकर हमारे शरीर की आंतरिक संरचना बनती है. अब इन आंतरिक अंगों को भी कोई कुछ ऐसे तत्वों की जरूरत होती है, जिनसे वह स्वस्थ बने रहे. इन्ही तत्वों को हार्मोन के नाम से जाना जाता है. हमारे अंदर उठने वाली भावनाओ का कारक भी हार्मोन ही होते है.
शरीर मे कई तरह के हार्मोंस पाए जाते है. इन्ही हार्मोंस में से एक हार्मोन है, जिसे हम टेस्टोस्टेरोन के नाम से जानते है.
टेस्टोस्टेरोन
टेस्टोस्टेरोन मुख्यतः पुरुषों में पाया जाने वाला एक हार्मोन होता है. जो पुरुषों की यौन शक्ति, कलात्मक क्रियाकलापों, पुरुष में शुक्राणुओं का निर्माण, मूड, स्मृति, एकाग्रता, शरीर की मांसपेशियों की मजबूती में जिम्मेदार होता है. यह हार्मोन पुरूष के अंडकोष में बनता है. यह हार्मोन महिलाओं में भी पाया जाता है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसकी मात्रा बहुत कम होती है.
टेस्टोस्टेरोन के कम होने के लक्षण
यदि किसी पुरुष के शरीर मे यह हार्मोन 300 nanogram/deciliter से कम हो तो यह इस हार्मोन की कमी को दिखाता है. एक स्वस्थ पुरुष के शरीर मे यह मात्रा 300-1000 nanogram/deciliter के बीच होती है.
लक्षण
- संभोग के रुचि का कम होना
- यौनांगों से जुड़ी कोई समस्या होना
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना
- शरीर मे ऊर्जा की कमी महसूस होना
- मूड में लगातार बदलाव आते रहना
- बॉडी फैट का बढ़ जाना
- हड्डियों के घनत्व में कमी
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के उपाय
तनाव को कम करें
आज तनाव हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. बच्चा हो या युवा हर कोई किसी न किसी तनाव से ग्रस्त रहता है. चाहे वह कार्यक्षेत्र से उपजा तनाव हो या भावनात्मक तनाव हो, यह टेस्टेस्टेरोन के उत्पादन में बाधक होता है. तनाव की वजह से शरीर मे कोर्टिसोल नामक एक हार्मोन शरीर मे उत्पन्न होता है, जो टेस्टेस्टेरोन के उत्पादन को कम कर देता है. इसलिए अपनी जिंदगी से तनाव को कम करे.
वजन कम करे
आज युवा तेजी से मोटापा के शिकार होते जा रहे है. यह मोटापा कई तरह की बिमारियों को आमंत्रित करता है. इसके साथ ही अधिक मोटापा, शरीर में टेस्टेस्टेरोन के उत्पादन में भी बाधक होता है. इसलिए अपने मोटापे को कंट्रोल करे.
अधिक वजन उठाए
टेस्टेस्टेरोन की मात्रा को बढ़ाने का एक कारगर तरीका है, अधिक वजन उठाना. जब हम अपनी वर्तमान क्षमता से अधिक वजन उठाते है, तो शरीर की ग्रंथियां टेस्टोस्टेरोन नाम का हार्मोन उत्सर्जित करती है.
व्यायाम से बढ़ाए टेस्टोस्टेरोन
व्यायाम, शरीर को स्वस्थ बनाता है. इसके साथ ही जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम है, यदि वो नियमित व्यायाम करें, तो इससे टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ती है. नियमित व्यायाम मोटापा को भी कम करने में सहायक होता है. मोटापा टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को कम करने का कारक होता है.
उचित नींद ले
अमेरिका की एक प्रसिद्ध मैगज़ीन द जरनल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था, जिसके अनुसार जो व्यक्ति एक सप्ताह में 5 घंटे से कम सोते थे, उनमे सम्पूर्ण नींद लेने वाले पुरुषों की तुलना में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा 10 से 15% कम पाई गई. नींद में कमी तनाव का कारण भी बनता है. तनाव की वजह से कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ जाती है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करता है. इसलिए एक वयस्क पुरुष को कम से कम 8-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए.
वसा की मात्रा बढ़ाये टेस्टोस्टेरोन
जी हाँ, अधिक फैट हमेशा नुकसानदेह होता है, ऐसा सुनते आए है. लेकिन यदि स्वस्थ वसा का सेवन किया जाए तो यह न सिर्फ शरीर को फायदा पहुचाता है, बल्कि टेस्टोस्टेरोन की मात्रा भी बढ़ाता है. वसा में ओमेगा-3 एक वसा के रूप में जाना जाता है. यह वसा बादाम, काजू, नट्स, अंडा, जैतून का तेल, अलसी आदि के सेवन करने से मिलता है.
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धूप से टेस्टोस्टेरोन बढ़ता है.
विटामिन D टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को बढ़ाता है. ऐसा देखने मे आया है कि जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम पाई जाती है, उनमे विटामिन डी की मात्रा कम मौजूद होती है.विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्त्रोत सूर्य का प्रकाश है. इसके लिए रोज सुबह सूर्योदय के वक़्त कम से कम 15 मिनट धूप का सेवन करे. इसके अलावा पनीर, अंडे, वसा युक्त मछली भी विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत है.
शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन घटता है.
नर प्रजनन में शामिल एंडोक्राइन में जब शराब के प्रभाव का अनुसंधान किया गया, तो यह पाया गया कि इससे न केवल एंडोक्राइन पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि टेस्टोस्टेरोन सहित बाकी प्रजनन अंग भी प्रभावित होते है. इसलिए एक स्वस्थ स्तर तक टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बनाये रखने के लिए प्रतिदिन 3 से 4 यूनिट से ज्यादा नही पीना चाहिए.
हरी सब्जियाँ अधिक खाएं
हरी सब्जियों में पत्तेदार गोभी, पालक, केले टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बहुत वृद्धि करते है. इन सब्जियों मे इंडोल-3 कर्बिनोल नामक फाइटोकैमिकल होता है. जो न सिर्फ टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को बढ़ाता है, बल्कि फीमेल हार्मोन (ऐस्ट्रेजन) को कम करता है.