गोलकोंडा के किले का इतिहास, संरचना और उससे जुडी रोचक जानकारी | Golconda Fort(Qila) History, Stucture, Secrets and Interesting Fact in Hindi
आज आप पुरानी ऐतिहासिक इमारतों और किलों की खूबसूरती देख खुश हो जाते हैं. प्राचीन समय में हमारे यहाँ के लोग ऐसे विशालकाय और वैज्ञानिक निर्माण बिना किसी आधुनिक टेक्नोलॉजी और मशीन से बनाते थे. यह आज भी पूरे विश्व के लिए चर्चा का विषय हैं. भारत के यह निर्माण हिन्दू वास्तुशास्त्र और वास्तुकला का अनोखा संगम हैं. भारत का प्राचीन विज्ञान हमारे आज के आधुनिक विज्ञान से भी ज्यादा उन्नत था. आइये जानते हैं भारत के एक महत्वपूर्ण गोलकोंडा किले के बारे में
क्र. म. | बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
1. | निर्माण वर्ष (Construction Year) | C. 1518-1687 |
2. | मुख्य भाषा (Official Language) | तेलुगू(Telagu) |
3. | राज्य (State) | तेलंगाना |
4. | तहसील (District) | हैदराबाद(Hyderabad) |
गोलकोंडा किला (Golconda Fort)
यह किला भारत के दक्षिण में हैदराबाद में स्थित हैं. सातवीं शताब्दी में यह किला मिट्टी के रूप में था. जिसे बाद में 16 शताब्दी में सुल्तान कुलिकुतुब शाह के शासनकाल में एक विस्तृत और मजबूत रूप दिया गया.
62 सालों तक कुतुब शाही सुल्तानों ने वहा राज किया. लेकिन फिर 1590 में कुतुब शाही सल्तनत ने अपनी राजधानी को हैदराबाद में स्थानांतरित कर लिया था.
1687 ई. में इसे औरंगजेब ने जीत लिया था यह गोलकोंडा उस समय सत्ता और प्रशासन का केंद्र था. यह किला ग्रेनाइट की एक पहाड़ी पर बना है.
गोलकोंडा किला को 17 वीं शताब्दी तक हीरो का प्रसिद्ध बाजार माना जाता था. दुनिया में आज के समय के महतवपूर्ण हीरे उस समय इसी किले में सुरक्षित रखे गए थे.
गोलकोंडा किला की संरचना (Structure of Golconda Fort)
इस किले को अपनी अद्भुत संरचना के कारण आर्कियोलॉजिकल ट्रेजर के “स्मारकों की सूची” में भी शामिल किया गया है. गोलकोंडा का किला अलग-अलग चार किलो का मिश्रण हैं. जिसमे कुल आठ दरवाजे है और पत्थर की तीन मील लंबी मजबूत दीवार से चारो ओर से घिरा है. इस किले में आठ प्रवेश द्वार हैं. किले के प्रवेश द्वार के सामने ही बड़ी दीवार बनी हुई है. यह दीवार राज्य को सैनिको और हाथियों के आक्रमण से बचाती है. इसके साथ ही इस किले में मंदिर, मस्जिद, पत्रिका, अस्तबल और कई हॉल भी हैं. इस किले के निचले भाग में एक दरवाजा भी हैं जिसे विजय द्वार भी कहते हैं.
इस विजय दरवाजे में ध्वनि अलार्म का भी अनुभव होता हैं. यह ध्वनि अलार्म पूरे विश्व में प्राचीन भारत के विज्ञान की अनूठी मिसाल हैं. इस ध्वनि अलार्म की आवाज़ 3 कि.मी तक सुनाई देती हैं. आपातकालीन परिस्थितियों को बताने के लिए इस धव्निक अलार्म का उपयोग किया जाता था. इसके साथ ही किले का वाटर सिस्टम “रहबान” आकर्षण का मुख्य केंद्र है.
गोलकोंडा किले की कुछ रोचक जानकारी (Interesting Facts about Golconda Fort)
इस किले में एक 425 साल पुराना अफ्रीकन बाओबाब का पेड़ हैं. जिसे स्थानीय लोग हतिया का झाड़ भी कहते हैं. यह पेड़ अरबियन व्यापारियों ने सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह को उपहार के रूप में दिया था.
दर्या-ए-नूर, नूर-उल-ऐन हीरा, कोहिनूर, आशा का हीरा और रीजेंट डायमंड भारत के बाहर जाने से पहले गोलकोंडा के सुल्तान के पास ही इस किले में थे.
हिन्दू लोग सुल्तान क़ुतुब शाह को मल्काभिराम के नाम से भी पुकारते हैं. उन्होंने किले के ऊपरी भाग पर श्री जगदम्बा महाकाली का बनवाया था.
इस किले में साउंड एंड लाइट शो एक मुख्य आकर्षण का बिंदु हैं. इस शो के जरिये इस किले के इतिहास की कहानी बताई जाती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस किले में एक रहस्यमयी सुरंग है जो दरबार हॉल से शुरू होती है और किले के सबसे निचले भाग से होकर बाहर की तरफ ले जाती है. असल में इस सुरंग को आपातकालीन समय में शाही परिवार के लोग बाहर जाने के लिये उपयोग करते थे लेकिन इस सुरंग को वर्तमान में कभी देखा नही गया.
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Bahut hi badhiya post aapne share kiya hain Thanks.
गोलकोण्डा किले का इतिहास | Golkonda Fort History in Hindi:- दोस्तों, भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। भारत में बहुत से किले और महल है जो कि अपने इतिहास के लिया विश्व में प्रसिद्ध है। आज हम भारत के एक ऐसे किले का इतिहास आपके लिये लेकर आये है। जिसका नाम है गोलकोण्डा किला।
यह किला दक्षिणी भारत में, हैदराबाद से 5 मील दूर पश्चिम में स्थित है। यह किला सूंदर व मनमोहक किला है। यह किला भारत के पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। Golkonda Fort History in Hindi| गोलकोण्डा का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है। गोल्ला का अर्थ है- गडरिया तथा कोण्डा का अर्थ है- पहाड़ी।
यह किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है। कहा जाता है कि इस किले के निर्माण का सुझाव ककाटिया के राजा को एक गडरिया ने दिया था। इसलिए इस किले का नाम गोलकोण्डा पड़ा। गोलकोण्डा किले के दक्षिणी भाग में मुसी नाम की एक नदी बहती है।
गोलकोण्डा किले का इतिहास । Golkonda Fort History in Hindi:-
Golkonda Fort History in Hindi:- गोलकोण्डा किला मूल रूप से मनकल नाम से जाना जाता है। इस किले का निर्माण ककाटिया द्वारा किया गया था।उन्होंने इसका निर्माण अपने कोंडापल्ली किले को पश्चिम से सुरक्षित करने के लिए किया था। गोलकोण्डा किले को ग्रेनाइट की पहाड़ी पर बनाया गया था।
जिसकी ऊँचाई लगभग 120 मीटर है। इस किले में बहुत से युद्ध हुए। जिस कारण ये काफी छतिग्रस्त हो गया था। फिर वहाँ की रानी रुद्रमा देवी ने इस किले का पुननिर्माण करवाया था। तथा उनके उत्तराधिकारी प्रतापरुद्र ने इसे मजबूत करवाया था।
कुछ समय बाद इस किले पर मुसुनीरी नायकों ने अपना अधिकार कर लिया। उन्होंने तुगलकी सेना को वारंगल में हराया। सन 1364 ईस्वी में हुई एक संधि में मुसुनुरी कपय भूपति ने यह किला बहमनी सल्तनत को दे दिया।
Golkonda Fort History in Hindi
जब यह किला बहमनी सल्तनत के अधिकार में आया तब से गोलकोंडा का विकास होने लगा। तथा उसकी सीमा बढ़ने लगी। उस समय तेलंगाना में एक गवर्नर को भेजा गया। जिसका नाम सुल्तान कुली कुतुब-उल-मुलक था। उन्होंने सन 1501 ईस्वी में गोलकोण्डा किले को अपनी सरकार की सीट बना ली। जिससे बहमनी शासन कमजोर हो गया और हार गये।
उस समय कुल 5 सुल्तान थे। जो आजाद हुए थे। जिसमें से सुल्तान कुली कुतुब-उल-मुलक एक थे। सन 1538 में सुल्तान कुली ने स्वतंत्र रूप से गोलकोंडा पर अपना अधिकार हासिल कर लिया व इस किले पर कुतुबशाही राजवंश का शासन स्थापित किया।