हम सभी इस बात से भली-भांति परिचित है कि बच्चा माँ के गर्भ में कई प्रकार से हलचल करता रहता है. माँ के गर्भ में रहते हुए भी बच्चा बाहर की आवाजों को सुनकर गर्भ में कुछ क्रियाएँ करता है. आधुनिक विज्ञान ने हर जगह अपना परचम फहराया है. इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने कहा है कि बच्चे माँ के गर्भ में ही भाषा सीखने लगते हैं. वैज्ञानिको ने अपने शोध में पाया कि बच्चे अपने जन्म से एक माह पूर्व अंग्रेजी और जापानी भाषा में विभेद कर सकते हैं.
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बच्चे के माँ के गर्भ में रहते हुए पहले भी कही शोध किये जा चुके है. पूर्व में किये गये अध्ययनों से बच्चों के व्यवहार में अंतर से इस बात का पता चला था. इन अध्ययनों से इस बात पर गौर किया गया कि अलग लय के साथ एक भाषा से दूसरी भाषा में जाने पर बच्चे द्वारा किसी वस्तु को काटने की रफ्तार में कोई बदलाव होता है या नहीं.
अमेरिका के कंसास विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर उताको मिनाई ने कहा है कि बच्चा माँ के गर्भ में भाषण के साथ-साथ अन्य चीजों को भी सुन सकते हैं.
औसत लगभग आठ महीने की गर्भवती दो दर्जन महिलाओं की मैगनेटोकार्डियोग्राम के द्वारा जांच की गई. शोधकर्ता वैज्ञानिको एक द्विभाषी को बुलाकर उससे एक बार अंग्रेजी भाषा में और एक बार जापानी भाषा में भाषण रिकॉर्ड कराया गया, इस भाषण को माँ के गर्भ में बच्चे के पास एक-एक करके चलाकर सुनाया गया. अंग्रेजी और जापानी भाषाएं की लय भिन्न-भिन्न होती हैं.
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जब बच्चे ने दोनों भाषाओं को बारी बारी से सुना, जब बच्चे ने अंग्रेजी के भाषण का एक पैरा सुनने के तुरंत बाद लय के रूप में भिन्न जापानी भाषा सुनी तो बच्चे के ह्रदय की धडक़नें बढ़ गईं, जबकि बच्चों को जापानी की जगह अंग्रेजी का दूसरा पैरा सुनाया गया तो उनके ह्रदय की धडक़नों की गति नहीं बदली.
इस प्रकार वैज्ञानिको ने अपने शोध से पता लगाया कि माँ के गर्भ में ही बच्चे को भाषा का ज्ञान होने लगता है.