क्रिकेट में डकवर्थ लुईस नियम क्या होता हैं | Duckworth Lewis method (Description, Use, Calculation and Example) in Hindi
आप सभी क्रिकेट तो देखते ही होंगे और क्यों न देखे क्रिकेट आज हमारे देश का सबसे मनोरंजक जरिया बन गया है. जितना क्रेज हमारे देश में क्रिकेट का है उतना तो शायद ही और किसी खेल को लेकर होगा. बड़े तो बड़े पर बच्चे भी इस मामले में पीछे नहीं हटते है. क्रिकेट जगत ने भी हमे बहुत बड़े-बड़े नाम दिए है और आज क्रिकेट भी हमारे देश का नाम रोशन पूरी दुनिया में कर रहा है.
चलिए तो बताते है आज हम क्यों क्रिकेट के विषय पर बात कर रहे है. जो लोग हमेशा क्रिकेट देखते है वो क्रिकेट के सभी नियमो को जानते है. आप लोग जानते ही है की क्रिकेट में कितने नियम होते है जो समय समय पर बदलते रहते है. पर हम आज आपके लिए ऐसा नियम लेकर आये है जो बड़े-बड़े क्रिकेट के दिग्गजों को समझ नहीं आया. यहाँ तक की हम येभी कह सकते है खुद इंडियन टीम के कई खिलाड़ियों ये नियम समझ नही आता.
इस नियम के आसानी से समझ नहीं आने के पीछे कारण ये भी है की इस नियम को समझने के लिए थोड़ा केल्कुलेशन अच्छा होना चाहिए, और यदि केल्कुलेशन अच्छा होता तो क्रिकेटर नहीं इंजिनियर होते.
पर आप चिंता मत कीजिये हम आपके लिए इस नियम को समझने का सबसे आसान तरीका लाये है…
आखिर क्या होता है डकवर्थ लुईस नियम(What is Duck worth Lewis Method )
डकवर्थ-लुईस नियम (D/L method) दो अंग्रेज सांख्यिकी विशेषज्ञ फ्रेंक डकवर्थ और टोनी लुईस के नाम पर रखा गया. दोनों के ही सरनेम को जोड़कर ही डकवर्थ-लुईस नियम की शुरूआत हुई. क्रिकेट में यह नियम लागू होने के बाद बेहद सटीक माना जाने लगा और आज भी यह प्रयोग में है, हालांकि शुरूआत में इसे लेकर कई बार विवाद भी सामने आये. किसी भी निर्धारित ओवरों वाले मैच में इस नियम की गणना दोनों टीम के पास रन बनाने में उपयोग होने वाले दो स्त्रोत विकेट और ओवर के आधार पर की जाती है. यह नियम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. इस नियम के तहत घटाए गए ओवरों में नए लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं.
डकवर्थ लुईस नियम की जरुरत कब पड़ती है(When Does Duckworth Lewis Method Use in match)
डकवर्थ लुईस नियम की जरुरत तब पड़ती है जब मैच किसी कारण से रुक गया हो. यानि कोई प्राकृतिक आपदा आई हो आसान भाषा में कहे तो मैच के दौरान पानी आ गया हो, और काफी समय ख़राब हो गया हो तब इस नियम को लागु करके मैच के निर्णय पर पंहुचा जाता है.
डकवर्थ लुईस नियम की गणना कैसे की जाती है(How to Calculate Score by Duckworth Lewis Method)
इस नियम को निर्धारित करने या किसी मैच में लागु करने के लिए किसी भी एक टीम का खेलना बहुत जरुरी होता है यानि पहली पारी का हो जाना जरुरी होता है तभी डकवर्थ लुईस को लाया जाता है. इस नियम की गणना एक टेबल यानि एक चार्ट के द्वारा की जाती है जो समय समय पर बदला भी जाता रहता है.
मैच की एक पारी होने के बाद यदि मैच में कोई बाधा यानि बारिश आ जाता है तो दूसरी पारी यानि दूसरी टीम की पारी या उनकी बैटिंग के वक्त कुछ सीमित ओवर में सीमित स्कोर दिया जाता है जो डकवर्थ लुईस नियम से कैलकुलेट होता है. इस नियम को इस तरह की परिस्थिति में बिकुल सही माना जाता है. इसका प्रयोग बहुत आसान है बस एक टेबल और कुछ केल्कुलेशन करना होता है.
डकवर्थ लुइस नियम के हिसाब से दोनों टीमो के पास दो चीजे होती है या यु कहे की 2 साधन होते है. पहला कुल बचे ओवर और दूसरा कुल बचे हुए हुए विकेट. मैच में रन इन दोनों साधनों के बलबूते पर रन बनाये जाते है. इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए डकवर्थ लुइस नियम की टेबल बनायीं गयी है. जिससे पता किया जाता है की खेल रही टीम के पास कितने प्रतिशत साधन बाकी है.
यदि हम इस लिस्ट या इस टेबल पर नजर डाले तो पता चलता है कि यदि दूसरी पारी शुरू होते टाइम यदि आपके पास पूरे 50 ओवर है और 10 विकेट बाकी है इसका मतलब है आपके पास 100% साधन है. उसके बाद जैसे-जैसे खेलने वाली टीम अपने ओवर का इस्तेमाल करती जाती है उनके साधनों का प्रतिशत घटता जाता है जैसा की टेबल में दिखा रखा है.
हम इसे एक उदाहरण से समझते है (Example of Duckworth Lewis Method)
मान लीजिये यदि एक टीम है जो 50 ओवर में 20 ओवर खेल चुकी है और उसके 30 ओवर खेलना बाकी है पर 2 विकेट गिर चुके है और मैच में बारिश आ जाती है. तब टेबल के अनुसार उस टीम के पास 67.3 प्रतिशत साधन बचे हुए है.
बारिश के बाद जब दौबारा मैच शुरू होता है पर कुल 10 ओवर का समय बर्बाद हो चूका है. मतलब अब उस टीम के पास 20 ओवर बाकी है और 2 विकेट गवाए है. मतलब अब उस टेबल के हिसाब से खेलने वाली टीम के पास सिर्फ 52.4% साधन बचे है.
अब ये देखा जाएगा की इस टीम ने टोटल कितने साधन खोए है ये पता करने के लिए पहले ये देखा जाएगा की बारिश शुरू होने से पहले उस टीम के पास कितने साधन थे और बाद में कितने बचे. मतलब जब मैच बंद हुआ तब 67.3% साधन थे और मैच दौबारा शुरू हुआ जब 52.4% साधन बचे यानि टोटल नुकसान 67.3 – 52.4 = 14.9% का नुकसान हुआ.
अब जो टीम पहले बल्लेबाजी कर चुकी होती है जो की उसने 100% साधन का उपयोग किया होता है यानि पुरे 50 ओवर खेल चुकी होती है. तो उसके 100% साधनों मेसे दूसरी टीम के साधनों के नुकसान के प्रतिशत को घटाया जाता है. ताकि दोनों टीम के साधन बराबर हो और न्याय हो सके. यानि 100 – 14.9 = 85.1% बचा.
तो अब दूसरी टीम को टारगेट देते टाइम इसका ख्याल रखा जाता है की 85.1% साधन के हिसाब से ही स्कोर दिया जाये. यदि बारिश पहले बल्लेबाजी कर चुकी टीम को भी परेशान कर चुकी है तो बाद में खेल रही टीम को उसी हिसाब से बढाकर टारगेट दिया जाता है.
जैसे मान लीजिये पहले खेलने वाली टीम ने 50 ओवर में 250 रन बनाए और दूसरी टीम ने 5 विकेट खोकर 40 ओवर में 199 रन बना चुकी है और बारिश आ जाती है मैच में और खेल रोक दिया जाता है. अब विनर का पता लगाने के लिए डकवर्थ लुईस का नियम लाया जाता है. पहले खेलने वाली टीम ने 50 ओवर खेले यानि उस टीम ने 100% साधन का इस्तेमाल किया है. दूसरी टीम जब मैदान पर उतारी थी तो उसके पास भी 100% साधन थे. उन्होंने 40 ओवर में 5 विकेट खोकर कुछ रन बनाये. अब बारिश की वजह से मैच रुक गया.
तब डकवर्थ लुईस नियम की टेबल के हिसाब से उस टीम के पास 27.5 साधन बाकी बचे थे. मतलब दूसरी यानि दूसरी पारी खेलने वाली टीम के 27.5% साधन का नुकसान हो गया. मतलब 100 – 27.5 = 72.5% साधन ही उसने इस्तेमाल किये. उसे पहले खेलने वाली टीम के मुकाबले कम साधन मिले तो दूसरी टीम का स्कोर साधनों के हिसाब से घटाना होगा. यानि 72.5/100
पहली टीम ने बनाये थे 250 यानि दूसरी टीम का टारगेट 250 x 72.5/100 = 181.25 होगा. तो दूसरी टीम को अब टोटल 182 रन चाहिए, पर वो पहले ही 199 रन बना चुकी है यानि दूसरी टीम 18 रन से ये मैच जीत चुकी है.
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