बोर्ड परीक्षा में निबंध कैसे लिखे | How to Write Essay in hindi : निबंध रचना शिक्षा प्रणांली में बहुत समय में ही शुरू हो जाती है, पर परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए बहुत जरूरी होता है एक अच्छा निबंध लिखना. अगर आप भी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो यह लेख पूरा पढ़ें, इसमेंआपको निबंध से जुड़ी हर चीज़ के बारे में जानकारी मिलेगी. निबंध लिखने से पहले बहुत जरूरी है कि निबंध और उसके नियमों के बारे में जान लें.
निबंध क्या है | What is Essay In Hindi
निबंध की परिभाषा (Defination of Essay) : “अपने मानसिक भावों या विचारों को संक्षिप्त रूप से तथा नियन्त्रित ढंग से लिखना ‘निबन्ध’ कहलाता है. दूसरे शब्दों में – किसी विषय पर अपने भावों को पूर्ण रूप से क्रमानुसार लिपिबद्ध करना ही ‘निबंध’ कहलाता है”.
निबंध दो शब्दों से जुड़ा एक शब्द है नि+बंध जिसका अर्थ है भले प्रकार से जुड़ी हुई रचना या नियमों से बंधी हुई रचना, पर आपका यह जानना बहुत जरूरी है कि निबंध लेखन में कोई खास नियम नहीं है. बस इससे जुड़ी कुछ बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
Essay निबंध लेखनी का मुख्य उद्देश्य है, बच्चे की सोच का दायरा मापना. यह देख पाना की बच्चा कितना सोच सकता है. उसकी बुद्धि तत्परता कैसी है. जब हम बोर्ड या किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी करते हैं तब निबंध लेखन में हमारी बुद्धि तत्परता और सोच को परखा जाता है.
साधारण रूप से निबंध के विषय काफी सामान्य होते हैं, यानी जिनके बारे में हम सुनते, देखते व पढ़ते रहते हैं. जैसे – धार्मिक त्योहार, राष्ट्रीय त्योहार(जैसे दीपावली, होली, दशहरा, ईद ), विभिन्न प्रकार की समस्याएँ (नक्सलवाद, प्रदूषण, आतंकवाद), मौसम आदि.
बोर्ड परिक्षा में निबंध लेखन का महत्व:- | Importance of Essay In Board Exams
- वह विद्यार्थी को अपने विचारों को एकत्र करना सिखाता है.
- विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त करना सिखाता है.
- भाषा को उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सिखाता है.
- किसी भी विषय पर छात्रों के स्वयं के विचार को प्रकट करवाना.
- उनका वैचारिक स्तर निश्चित हो सके इतना प्रबल बनाना.
- संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व करना.
- विद्यार्थी अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे पाए.
- अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख सके.
- आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके.
- रटन्तू तोता न बन विचारशील इंसान बन सकें.
निबंध के अंग | Nibandh ke Ang
शीर्षक – शीर्षक हमेशा आकर्षक होना चाहिए, ताकि लोगों में निबंध पढ़ने की उत्सुकता बढ़े. परन्तु, यदि आप परीक्षा के लिए निबंध लिख रहे हैं, तो आपको शीर्षक पहले से ही दिया गया होगा, आप उसी शीर्षक पर काम करें.
प्रस्तावना –निबंध की नीव प्रस्तावना होती है. यह हमें निबंध की श्रेष्ठता बताता है. इसे जम भूमिका भी कहते है. यह बहुत रोचक और आकर्षक होनी चाहिए परन्तु यह ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए. प्रस्तावना को ज्यादा लंबा खीचने पर लोगों का निबंध में मन नहीं लगता. भूमिका इस प्रकार की हो जो विषयवस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें. जो कि पाठक को निबंध पढ़ने के लिए प्रेरित करे.
निबंध की शुरुआत किसी सूक्ति, श्लोक या किसी उदाहरण से करनी चाहिए. यह निबंध को बहुत आकर्षक मोड़ देता है. अच्छा प्रभाव डालने वाली पंक्तियों का इस्तेमाल करने से परीक्षक पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है जिससे विद्यार्थी को अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलती है. आकर्षक शुरुआत पाठक या परीक्षक के मन में निबंध को आगे पढ़ने के लिए उत्सुकता जगाता है.
निबंध में विषय का संक्षिप्त परिचय और वर्तमान स्वरूप भी विद्यार्थी को भूमिका खंड में देना चाहिए. भूमिका लिखते समय यह बात ध्यान रखनी बहुत आवश्यक है कि भूमिका का विषय से सीधा जुड़ाव होना चाहिए. यहां वहां की बातें नहीं जोड़ें,नहीं तो इससे आपके अंक कम हो सकते हैं.
विषय-विस्तार -इसमें तीन से चार अनुच्छेद में विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए जाते हैं. प्रत्येक अनुच्छेद में एक-एक पहलू पर विचार लिखा जाते है. हर अनुच्छेद विषय से जुड़े किसी नए विषय पर बात करता है. यह निबंध का सर्वप्रमुख अंश है. इसका संतुलित होना बेहद आवश्यक है. यहीं निबंधकार अपना दृष्टिकोण प्रकट कर पाता है.
उपसंहार –यह निबंध का अंतिम भाग होता है यह निबंध के आखिर में लिखा जाता है. इस अंग में निबंध में लिखी गई बातों को सार के रूप में एक अनुच्छेद में लिखा जाता है. इसमें संदेश भी लिखा जा सकता है. अपने निबंध का संदेश लिखने से यह उसे और आकर्षित बना देता है. उपदेश, दूसरे के विचारों को लिख कर या कविता की पंक्ति के माध्यम से निबंध समाप्त किया जा सकता है.
निबंध के प्रकार | Types Of Essay
विषय के अनुसार प्रायः सभी निबंध तीन प्रकार के होते हैं –
1. वर्णनात्मक –
किसी सजीव या निर्जीव पदार्थ का वर्णन वर्णनात्मक निबंध कहलाता है. ये निबंध स्थान, दृश्य, परिस्थिति, व्यक्ति, वस्तु आदि को आधार बनाकर लिखे जाते हैं.
वर्णनात्मक निबंध के लिए अपने विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-
- यदि विषय कोई ‘प्राणी’ हो –
(i) श्रेणी (ii) प्राप्तिस्थान (iii) आकार-प्रकार (iv) स्वभाव (v) विचित्रता (vi) उपसंहार - यदि विषय कोई ‘मनुष्य’ हो –
(i) परिचय (ii) प्राचीन इतिहास (iii) वंश-परंपरा (iv) भाषा और धर्म (v) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन - यदि विषय कोई ‘स्थान’ हो
(i) अवस्थिति (ii) नामकरण (iii) इतिहास (iv) जलवायु (v) शिल्प (vi) व्यापार (vii) जाति-धर्म (viii) दर्शनीय स्थान (ix) उपसंहार - यदि विषय कोई ‘वस्तु’ हो
(i) उत्पत्ति (ii) प्राकृतिक या कृत्रिम (iii) प्राप्तिस्थान (iv) किस अवस्था में पाई जाती है (v) कृत्रिमता का इतिहास (vi) उपसंहार
2. विवरणात्मक –
किसी ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना का वर्णन विवरणात्मक निबंध कहलाता है. यात्रा, घटना, मैच, मेला, ऋतु, संस्मरण आदि का विवरण लिखा जाता है.
विवरणात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-
- यदि विषय ‘ऐतिहासिक’ हो –
(i) घटना का समय एवं स्थान (ii) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (iii) कारण, वर्णन एवं फलाफल (iv) इष्ट-अनिष्ट की समालोचना एवं आपका मंतव्य - यदि विषय ‘जीवन-चरित्र’ हो –
(i) परिचय, जन्म, वंश, माता-पिता, बचपन (ii) विद्या, कार्यकाल, यश, पेशा आदि (iii) देश के लिए योगदान (iv) गुण-दोष (v) मृत्यु, उपसंहार (vi) भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श - यदि विषय ‘भ्रमण-वृत्तांत’ हो –
(i) परिचय, उद्देश्य, समय, आरंभ (ii) यात्रा का विवरण (iii) हानि-लाभ (iv) सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला-संस्कृति का विवरण (v) समालोचना एवं उपसंहार - यदि विषय ‘आकस्मिक घटना’ हो –
(i) परिचय (ii) तारीख स्थान एवं कारण (iii) विवरण एवं अन्त (iv) फलाफल (v) समालोचना (व्यक्ति एवं समाज आदि पर कैसा प्रभाव ?)
3. विचारात्मक –
किसी गुण, दोष, धर्म या फलाफल का वर्णन विचारात्मक निबंध कहलाता है. इस निबंध में किसी देखी या सुनी हुई बात का वर्णन नहीं होता. इसमें केवल कल्पना और चिंतनशक्ति से काम लिया जाता है. विचारात्मक निबंध उक्त दोनों प्रकारों से अधिक श्रमसाध्य होता है. अतएव, इसके लिए विशेष रूप से अभ्यास की आवश्यकता होती है.
विचारात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलखित विभागों में बाँटना चाहिए-
- अर्थ, परिभाषा, भूमिका और परिचय
- सार्वजनिक या सामाजिक, स्वाभाविक या अभ्यासलभ्य कारण
- संचय, तुलना, गुण एवं दोष
- हानि-लाभ
- दृष्टांत, प्रमाण आदि
- उपसंहार
निबंध लिखना काफी आसान है पर अगर आप बोर्ड की तैयारी कर रहें हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. क्योंकि बोर्ड में आपके अंक बहुत सी बातों को लेकर कट सकते हैं इसलिए निबंध लिखते वक्त निम्लिखित बातों को ध्यान में रखते हुए लिखें-
- निबन्ध लिखने से पूर्व सम्बन्धित विषय का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए. इसके लिए परीक्षा में बैठने से पहले पिछले वर्षों में पूछे गए निबंधों के बारे में विस्तृत रूप से पढ़ लें.
- क्रमबद्ध रूप से विचारों को लिखा जाये.
- निबन्ध की भाषा रोचक एवं सरल होनी चाहिए. भाषा अगर ज्यादा जटिल होगी तो लोगों का उसमे आकर्षण कम हो जाएगा.
- निबन्ध के वाक्य छोटे-छोटे तथा प्रभावशाली होने चाहिए.
- व्याकरण के नियमों और विरामादि चिह्नों का उचित प्रयोग होना चाहिए।इसके लिए आपकी व्याकरण पर परिपक्ता होनी चाहिए।
- निबन्ध संक्षिप्त होना चाहिए. अनावश्यक बातें नहीं लिखनी चाहिए. परिक्षा में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि निबंध कितने शब्द में लिखने को कहा गया है. अनावश्यक निबंध को बढ़ाने से आपके अंक काटे जा सकते हैं.
- विषय के अनुसार निबन्ध में मुहावरों का भी प्रयोग करना चाहिए. मुहावरों के प्रयोग से निबन्ध सशक्त बनता है.
- निबंध के विषय पर अतिरिक्त जानकारी लिखें।विषय से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी भी जोडें.
- आरंभ, मध्य अथवा अंत में किसी उक्ति अथवा विषय से संबंधित कविता की पंक्तियों का उल्लेख करें।कविता या पंक्तियों से निबंध आकर्षित बनता है.
- विषय से संबंधित सभी पहलुओं पर अपने विचार प्रकट करें. आपके खुदके विचार का उल्लेख होना बहुत जरूरी है.
- सभी अनुच्छेद एक दूसरे से जुड़े हों. अनुच्छेदों का आपस मे संबंध दर्शाना अति आवश्यक है.
- वर्तनी व भाषा की शुद्धता, लेख की स्वच्छ्ता एवं विराम-चिह्नों पर ध्यान दें.
- लिखाई साफ होनी चाहिए. ताकि परीक्षक को आपकी बात समझ आ सके.
- कॉपी में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.
- कोशिश करें कि काटा पीटी न हो. ऐसे में परीक्षक को आपका निबंध पढ़ने में तकलीफ हो सकती है.
निबंध परीक्षा में पूछा जाने वाला एक ऐसा सवाल है जिसमे आप सबसे ज्यादा अंक प्राप्त कर सकते हैं. इसलिए कभी
भी निबंध को न छोड़ें. ऊपर दिए गए सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखते हुए अपना निबंध लिखें. इससे आप परिक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकेंगे.
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