आजकल हर व्यक्ति बैंक चेक का उपयोग करता है. चेक का इस्तेमाल करना आम बात हो गई है. चेक पर जो डिटेल भरना होती है जैसे- अमाउंट, साइन, नाम और चेक नंबर इनके बारे में सभी लोग जानते हैं. लेकिन आजतक किसी भी व्यक्ति ने इसपर लिखे 23 डिजिट के नंबर पर गौर नही किया होगा. हम चेक का उपयोग कर लेते है किन्तु इस बात पर कभी ध्यान नही देते है की ये 23 डिजिट का नंबर चेक पर क्यों दिया जाता है.
आइये आज हम आपको इन 23 डिजिट के बारे में बताते है–
1. चेक नंबर:
चेक में नीचे दिए गए नंबरों में से शुरुआत में दिए छह डिजिट चेक नंबर कहलाते हैं. रिकॉर्ड के लिए चेक नंबर काम आता है.
2. एमआईसीआर कोड:
एमआईसीआर कोड का अर्थ Magnetic Ink Corrector Recognition होता है. यह सीरीज में अगले नौ डिजिट्स होते हैं. ये नंबर यह दर्शाते है कि चेक किस बैंक से जारी हुआ है. चेक रीडिंग मशीन इन्ही डिजिट को पडती है. यह नंबर तीन भागों में बंटा होता है.
पहला भाग— इनमे पहला भाग सिटी का कोड होता है. अतः सीरीज में दिए नंबर में पहली तीन डिजिट आपके शहर का पिन कोड होता है इससे यह पता लगाया जा सकता है कि चेक किस शहर से है.
दूसरा भाग— इन नंबर में दूसरा भाग बैंक कोड होता है. अगली तीन डिजिट यूनीक कोड होता है. आपको बता दे की हर बैंक का अलग यूनीक कोड होता है. जैसे की ICICI बैंक का यूनिक कोड 229 आदि.
तीसरा भाग—इस सीरिज में दिया गया तीसरा भाग ब्रांच कोड होता है. हर बैंक का ब्रांच कोड भी अलग होता है. यह कोड बैंक से जुड़े हर ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल किया जाता है.
3. बैंक एकाउंट नंबर:
अगली छह डिजिट बैंक एकाउंट नंबर होती है. यह नंबर केवल नई आने वाली चेक बुक्स में ही होता है, पहले की जो पुरानी चेक बुक्स होती थी उसमें यह नंबर नहीं होता था.
4. ट्रांस्जेक्शन आईडी:
इसमें आखिरी की दो डिजिट में ट्रांस्जेक्शन आईडी होती है. 29, 30 और 31 नंबर एट पार चेक को दर्शाते हैं और 09, 10 और 11 लोकल चेक को दर्शाते है.
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