दशहरे पर किए जाने वाले चमत्कारी टोटके, दशहरा पूजा मुहूर्त, तिथि, श्रवण तिथि | Dussehra 2022 Totke, Date, Puja Muhurt, Tithi
धर्म की अधर्म पर विजय का त्यौहार जिसे हम विजया दशमी के नाम से जानते है. इस दिन का भारत में बहुत ज्यादा महत्त्व है, इस दिन भगवान राम ने लंका पति रावण पर अपनी विजय हासिल की थी. इस वर्ष भारत में दशहरा 5 अक्टूबर 2022 मनाया धूम-धाम से जाएगा. दशहरे का दिन भारतीय संस्कृति में बहुत सर्वसिद्धि मुहूर्त मन जाता है, यहाँ तक की ज्योतिषाचार्य भी इस दिन को ज्योतिष के हिसाब से महत्वपूर्ण मानते है. उसका कारण है इस दिन माँ पृथ्वी लोक छोड़ स्वर्ग की तरफ चली जाती है, इसी दिन रावण का भी वध हुआ था, और इतना ही नहीं ये वही दिन है जिस दिन कुबेर देवता ने धरती वासियों के लिए धन की वर्षा कर, पृथ्वी वासियों को धन -धान्य से परिपूर्ण किया था.
सदियों से चले आ रहे टोटके
इसीलिए लोग सदियों से दशहरे पर अपने परिवार और अपने आप को धन-धान्य से पारी पूर्ण करने और अपने जीवन को खुशहाली से भरने के लिए लोग अलग -अलग उपाय करते है, जिन्हें भारतीय संस्कृति में सदियों से मान्यता मिली हुई है. इन्हें उपायों को हम टोटको (Dussehra Totke) के नाम से भी जानते है.
क्या आप जानते है भारत में दशहरा के दिन कुछ ख़ास प्रकार के टोटके किये जाते है, जिनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि इन्हें करने से आपके जीवन में खुशियाँ लोट आती है. कुछ समय में ही आपका भाग्य अचानक से बदल जाता है. इसीलिए कुछ इसी प्रकार के टोटके (Dussehra Totke) जिनको करने के बाद आप अपने सोए भाग्य का उदय कर सकते है , हम आपके लिए इस लेख में लेकर आए है.
दशहरे के टोटको के बारे में ये भी कहा जाता है, इस दिन किया गया टोटका पुरे साल असर करता है. तो चलिए जानते है बड़े-बड़े ज्योतिषों द्वारा बताए गए टोटको (Dussehra Totke) के बारे में, जिन्हें करके लाइफ की सारी टेंशन और प्रॉब्लम्स दूर कर सकते है.
दशहरे पर किए जाने वाले 5 चमत्कारी टोटके (Best 5 Dussehra Totke)
1. धन की कमी दूर करने के लिए
दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा का बहुत महत्त्व माना जाता है, शमी को पेड़ को लेकर ऐसा कहा जाता है, दशहरा के दिन कुबेर ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्राएं देने के लिए शमी के पत्तों को सोने का बना दिया था. उसी दिन से शमी के पेड़ को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है. इसलिए इस दिन घर में शमी का पेड़ जरुर लगाए और रोज वहां दीपक भी लगाएं.
इसके अलावा नीले कंठ वाले पक्षी को देखना भी उतना ही शुभ माना जाता है. यदि आपको दशहरे वाले दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाते है तो आपको धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
2. मनोकामना की पूर्ति लिए
दशहरे के दिन सुबह-सवेरे स्नान-ध्यान के बाद हनुमान जी एक मुट्ठी साबुत उड़द हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों में रखकर ग्यारह बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से हर तरह के दुखों से मुक्ति मिल जाती है.
3. बुरी से बचने के लिए या दूर रहने के लिए
ऐसा कहा जाता है कि जब श्री राम ने लंकापति रावण का विनाश किया था, तब रावण के अंतिम संस्कार के बाद वानर सेना रावण की राख साथ ले आई थी, उसी दिन से रावण को जलाने के बाद उसकी राख घर लाने का चलन शुरू हुआ. ऐसी मान्यता है, रावण को जलाने के बाद उसकी घर में लाने के बाद घर और घर के लोग बुरी नज़र और बुरी बला से दूर रहते है और घर में समृद्धि आती है. इससे नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती है.
4. व्यापार लाभ के लिए
यदि आपको आपके व्यापार में लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है तो, दशहरे के दिन सवा मीटर लाल कपड़े में नारियल, जनेऊ और सवा किलो मिष्ठान रखकर उस लाल कपड़े को बांधकर किसी भी आस-पास के राम मंदिर में भगवान के चरणों में चढ़ा दें, आपको कुछ ही दिनों में व्यापार में असर दिखने लगेगा, आपका व्यापार अचानक से चल निकलेगा.
5. हर क्षेत्र में विजय हेतु या सफलता हेतु
यदि आपका कोई कोई काम कई बार कोशिश करने के बाद भी का सफल नही हो रहा है तो, देवी पूजन करने के बाद मातारानी को 10 फल चढ़ाएँ और उन्हें गरीबो में बाँट दें , फिर एक लाल कपड़े में एक रेशेदार नारियल लपेट कर जल में बहा दे, जल में बहते वक्त कुछ देर वहीँ बैठकर ‘ॐ विजयायै नम:’ मंत्र का जाप करें. ये कार्य अच्छा महूर्त देखकर करें, निश्चित है आपको हर क्षेत्र में विजय हासिल होगी.
दशहरा 2022 शुभ पूजा मुहूर्त
इस बार दशहरा 5 अक्टूबर को पड़ रहा है लेकिन दशमी या विजया दशमी 4 अक्टूबर की रात 10 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगी, जो 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट को ख़त्म होगी.
दशहरा तारीख (Date) | 5 अक्टूबर 2022 |
वार | बुधवार |
दशमी तिथि प्रारम्भ | 4 अक्टूबर की रात 10 बजकर 51 मिनट से |
दशमी तिथि प्रारम्भ समाप्त | 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट |
शुभ मुहूर्त | विजय मुहूर्त – 5 अक्टूबर, बुधवार की दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 2 बजकर 54 मिनट तक अमृत काल- 5 अक्टूबर, बुधवार की सुबह 11 बजकर 33 से लेकर दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक दुर्मुहूर्त – 5 अक्टूबर, बुधवार की सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक |
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