पियू शोध केंद्र के एक अध्ययन के अनुसार, वर्तमान विश्व जनसँख्या के आधार पर ईसाईयों की जनसँख्या सबसे अधिक 31.50% है, मुस्लिम 22.32% और तीसरे नंबर वे लोग जिनका कोई धर्म नहीं (15.35%)है इन सब के बाद नंबर आता है हिन्दुओं का जिनकी जनसँख्या विश्व जनसँख्या का 13.95% है.(आंकड़े 2012 के है)
इसे भी पढ़ें: क्या आप जानते है पान के पत्तों से आपके चेहरे की सुन्दरता में चार चाँद लग सकते है..
रिपोर्ट के अनुसार चोंकाने वाले आंकड़े सामने आये है, 2050 तक मुस्लिम और ईसाईयों की जनसँख्या लगभग समान होगी. मुस्लिम (2.8 अरब या आबादी का 30 फीसदी) और ईसाई (2.9 अरब या 31 फीसदी).
वहीँ हिंदुत्व का परचम भी ऊँचा उठ जायेगा, 2050 तक हिन्दुओं की जनसँख्या पुरे विश्व में तीसरे पायदान पर होगी.
भारत में मुस्लिमों की जनसँख्या सबसे अधिक गति से बढ़ेगी जो की मुस्लिम देश इंडोनेशिया को भी पीछे छोड़ देगी. जिसके बाद भारत सबसे से बड़ा मुस्लिमों वाला राष्ट्र होगा.
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के कुछ अजीबों गरीब कानून जिन्हें जानकर हैरान रह जायेंगे आप