हिन्दू पौराणिक कहानियों और ग्रीक सभ्यता के बीच समानता | Similarities Between Greek And Indian Mythology in Hindi
आज विश्व के अलग-अलग देशों में अलग-अलग संस्कृतियाँ हैं और उनकी अपनी पहचान हैं परन्तु इन संस्कृतियों पर शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकला हैं कि सभी देशों, संस्कृतियों पर भारतीय हिन्दू संस्कृति की छाप अवश्य दिखाई देती हैं और इन दोनो अलग-अलग संस्कृति की कहानियों में आश्चर्यकारक रूप से समानता हैं. आइये जानते हैं वो कौन सी कहानी हैं जिससे यह स्पष्ट होता हैं कि ग्रीक सभ्यता हिन्दू संस्कृति पर ही आधारित हैं.
- सप्तऋषि सात तारों का समूह हैं जिनका उल्लेख वेदों और हिन्दू ग्रंथो में मिलता हैं. इसी तारों के समूह को हम सप्तऋषि तारामंडल के नाम से जानते हैं. जैसे हमारे पास इन सप्त ऋषियो के सिद्धांत हैं. वैसे ही ग्रीक सभ्यता की पौराणिक कथाओ में सात बहनों का सिद्धांत हैं. जिन्हें “प्लीएडेस“ (Pleiades) कहा जाता हैं और ठीक हमारे सप्त ऋषियों की तरह ही ग्रीक सभ्यता में सात तारों के समूह के रूप में इनका वर्णन मिलता हैं.
- कुंती पुत्र कर्ण जिनका जन्म सूर्यदेव के दिए हुए कवच के साथ हुआ था. वह एक ऐसा कवच था जिसे ब्राह्माण का कोई भी शस्त्र भेद नहीं सकता था. ठीक वैसे ही ग्रीक सभ्यता के अकिलस (Achilles) के पास भी ऐसा ही कवच था. जिसने उसे अजय बना दिया था. इन दोनों योध्दाओं के जीवन में दोनों की माताओं ने उन्हें युध्द में भाग लेने से रोका था और एक समानता यह भी हैं युद्ध में दोनों योध्दाओं की मृत्यु के बाद ही युद्ध की दिशा बदल जाती हैं और युद्ध समाप्त हो जाता हैं.
- इंद्र देवताओं के राजा हैं. ठीक उसी प्रकार ग्रीक सभ्यता में ज़ीउस (Zeus) भी देवताओं के राजा हैं. दोनों राजाओं के हथियार में भी काफी समानता देखने को मिलती हैं और दोनों राजा पर्वत पर रहते हैं. इंद्र मेरु पर्वत(meru mountain) पर निवास करते हैं जबकि ज़ीउस ओलम्पस पर्वत (olympus mountain) पर निवास करते हैं.
- जटायु और संपाती दोनों भाइयों की कहानी बहुत प्रचलित हैं. बचपन में सूरज को स्पर्श करने के उद्देश्य से दोनों भाइयो ने स्पर्धा की. परन्तु जब वे दोनों सूर्य के पास पहुंचे तब जटायु सूर्य के ताप से जलने लगे. तभी उनके भाई संपाती ने उन्हें अपने पंखो के नीचे सुरक्षित रखा और इस दौरान संपाती के पंख जल गए. ठीक उसी प्रकार ग्रीक पुराणिक कथाओं में हमें देदलुस Daedalus और इकारुस Icarus की कहानी का वर्णन मिलता हैं. ये दोनों पिता-पुत्र थे और इन दोनों ने ठीक उसी प्रकार उड़ान भरी थी. अपने पुत्र को बचाने के प्रयास में उनके भी पंख जल गए थे.
- हिन्दू देवता नारद ब्रह्मा जी के पुत्र थे और ग्रीक देवता हरमेस (hermes) ज़ीउस के पुत्र थे. दोनों देवताओं में एक लोक से दुसरे लोक में जाने की शक्ति थी. यही नहीं दोनों के स्वभाव मे भी बहुत समानता देखने को मिलती हैं. दोनों ही अपनी वाकपटुता से लोगो की दिशा भ्रम करते थे.
- भारतीय पुराणों में ब्रह्मा, विष्णु, महेश को त्रिदेव कहा जाता हैं. और इन तीनो देवताओं को अलग-अलग संज्ञाए दी गयी हैं. ठीक उसी प्रकार ग्रीक सभ्यता में ज़ीउस (Zeus) को आसमान का देवता, हेदस (Hades) को पातल का देवता और पोसाईडन (Poseidon) को समुद्र का देवता कहा जाता हैं. इन तीनो देवताओं को ग्रीक सभ्यता में अधिक महत्व दिया जाता हैं.
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ग्रीक सभ्यता की जड़े हिन्दू धर्मं से निकलती हैं. यह बात सत्य है कि धर्म चाहे कितने भी अलग क्यों न हो परन्तु ईश्वर का स्वरुप एक हैं.
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हिन्दु तथा कथित धर्म की जड बुद्ध के समयमे निक्ली थी