Ya kundendu tushar har dhavala meaning in hindi
आज समस्त संसार में जो ज्ञान का प्रकाश दिखाई दे रहा हैं. वह माँ सरस्वती द्वारा दिए गए ज्ञान का ही प्रकाश हैं. माँ सरस्वती बुद्धि ज्ञान की प्रकाशक हैं. सांसारिक मोहमाया दुःखोत्पादक हैं. इसीलिए उतम बुद्धि प्राप्त करने के लिए माँ सरस्वती की आराधना करें जिससे संसार में स्वर्ग प्राप्ति हो सके.
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा (श्लोक 1)
जो परमेश्वरी भगवती शारदा कुंदपुष्प, चंद्र और बर्फ के हार के समान श्वेत है और श्वेत वस्त्रों से सुशोभित हो रही है जिसके हाथों में वीणा का श्रेष्ठ दंड सुशोभित है. जो श्वेत कमल पर विराजमान है जिसकी स्तुति सदा ब्रह्मा विष्णु और महेश द्वारा की जाती है. वह परमेश्वरी समस्त दुर्मति को दूर करने वाली माँ सरस्वती मेरी रक्षा करें.
आशासु राशीभवदंगवल्ली
भासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम्
मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दुं
वन्देSरविन्दासनसुन्दरि त्वाम् (श्लोक 2)
जिनके शरीर की कांति समस्त दिशाओं में बिखरती है, अपनी छवि से जिसने शिव सागर को भी अपना दास बना लिया है. मंद मुस्कान से जिसने शरद ऋतु के चंद्रमा को भी फीका कर दिया है. ऐसी श्वेत कमल के आसन पर विराजमान हे सुंदरी सरस्वती मैं आप की वंदना करता हूं.
शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं क्रियात् (श्लोक 3)
शरद ऋतु के कमल के समान मुख वाली परमेश्वरी शारदा देवी मेरे मुखमंडल मैं हमेशा हमेशा निवास करें.
सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना: (श्लोक 4)
वाणी की देवी मां सरस्वती को मैं नमस्कार करता हूं जिनकी मात्र कृपा से मनुष्य भी देवता बन जाते हैं.
पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्न: सरस्वती
प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या (श्लोक 5)
वह सरस्वती जो विशाल बुद्धि रूपी सोने की कसौटी है और जो वाणी से ही बुद्धिमान और मूर्ख का अंतर प्रकट कर देती है.
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्
हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम् (श्लोक 6)
श्वेत रंग वाली ब्रह्मा के विचार के सार में लगी हुई, आदि शक्ति समस्त जगत में व्याप्त रहने वाली हाथों में वीणा और पुस्तक धारण करने वाली अभयदान को देने वाली तथा मूर्खता के अंधकार को दूर करने वाली हाथों में स्फटिक मणियों की माला धारण करने वाली श्वेत कमलासन पर विराजमान बुद्धि को देने वाली उस परम तेजस्वी मां सरस्वती के चरणों में मैं वंदना करता हूं.
saraswati vandana meaning in hindi
वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले
भक्तार्तिनाशिनि विरण्चिहरीशवन्द्ये।
कीर्तिप्रदेSखिलमनोरथदे महार्हे
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् (श्लोक 7)
वीणा धारण करने वाली समस्त मंगल के दान में निपुण, भक्तों की पीड़ा को दूर करने वाली तथा ब्रह्मा विष्णु शिव द्वारा वंदनीय कीर्ति एवं समस्त मनोरथ को प्रदान कर बहुमूल्य विद्या प्रदान करने वाली, भगवती माँ सरस्वती देवी के चरणों की वंदना करता हूं.
saraswati vandana in hindi
श्वेताब्जपूर्णविमलासनसंस्थिते हे
श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे
उद्यन्मनोज्ञसितपंकजमंजुलास्ये
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम् (श्लोक 8)
श्वेत कमल के स्वच्छ आसन पर बैठी हुई, वस्त्रों से सुंदर शरीर को ढके हुए, खिले हुए सुंदर, सफेद कमल के समान सुंदर मुख वाली हे देवी, संपूर्ण विद्याओं को देने वाली सरस्वती मां मैं आपके चरणों की वंदना करता हूं
मातस्त्वदीयपदपंकजभक्तियुक्ता
ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय।
ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण्
भूवह्निवायुगगनाम्बुविनिर्मितेन (श्लोक 9)
हे माँ परमेश्वरी तुम्हारे चरण कमल की भक्ति में लगे रहकर जो लोग अन्य सबको छोड़कर तुम्हें भजते हैं वह अपने पंचभूतों से बने हुए इस शरीर से देवत्व को प्राप्त हो जाते हैं.
maa saraswati mantra
मोहान्धकारभरिते हृदये मदीये
मात: सदैव कुरु वासमुदारभावे
स्वीयाखिलावयवनिर्मलसुप्रलाभि:
शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम् (श्लोक 10)
मोह और अंधकार से भरे मेरे ह्रदय में हे माता तुम उदार भाव से हमेशा-हमेशा निवास करो अपने समस्त अवयवों की निर्मल एवं सुंदर कांति से मेरे मन के अंधकार को शीघ्र ही नष्ट करो.
ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेश:
शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावै:।
न स्यात्कृपा यदि तव प्रकटप्रभावे
न स्यु: कथंचिदपि ते निजकार्यदक्षा: (श्लोक 11)
हे देवी! आपके प्रभाव से ब्रह्मा संसार को बनाते है. विष्णु उसका पालन करते हैं और आपके प्रभाव से ही शिव का संहार करते हैं. हे देवी! यदि आपकी कृपा ना हो तो पर सब अपने कर्मों में निपुण नहीं हो सकते हैं.
ya kundendu tushaara haara-dhavalaa lyrics
लक्ष्मीर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तुष्टि: प्रभा धृति:
एताभि: पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वति (श्लोक 12)
अर्थात हे मां सरस्वती, लक्ष्मी, मेघा, धरा, पुष्टि, गोरी, तुष्टि, प्रभा, धर्ति इन रूपों में मेरी रक्षा करो.
saraswati prayer in hindi
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:
वेदवेदान्तवेदांगविद्यास्थानेभ्य एव च (श्लोक 13)
हे माँ सरस्वती में आपके चरणों में नित्य वंदना करता हूँ. मां भद्रकाली को नमस्कार करता हूं और वेद, वेदांत, वेदांग तथा विद्या के स्थानों को मेरा प्रणाम है.
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोSस्तु ते (श्लोक 14)
हे माँ सरस्वती! आप अत्यंत भाग्यशालिनी हो. आप ज्ञान स्वरूपा हो कमल के समान एवं विशाल नेत्र वाली हे ज्ञानदात्री मां मुझे विद्या दो! मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं.
araswathi slokas
यदक्षरं पदं भ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत्
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि (श्लोक 15)
हे माँ अज्ञानवश, भूल से पद, अक्षर एवं मात्राओं की मुझसे कोई गलती हुई हो तो इन सभी को क्षमा करके आप परमेश्वरी कृपा करके प्रसन्न होवे!!
I am a mother and this helped me!
Very nice information about Sri Saraswati Mata, god bless u all 🙏💐💐💐💐💐
Nice thank u for helping me
Very Good
🙏🙏hai mata devi saraswati 🙏🙏
Jai ma saraswati
The meaning of the first phrase had always troubled me. Your explanation is simple to understand, and thank you for this. May the Goddess bless you.
Jai Maa Saraswati…
Jai Maa Saraswati