मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का जीवनी, परिवार, राजनीतिक जीवन और सम्मान | Kamal Nath Biography, Family, Political career and Awards in Hindi
कमल नाथ मध्यप्रदेश राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. मध्यप्रदेश में जब भाजपा पार्टी की लहर चल रही थी तब कांग्रेस ने कमल नाथ को मध्यप्रदेश राज्य के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था. कमल नाथ के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य में सत्ता विरोधी लहर पैदा कर कांग्रेस के रूप में बेहतर विकल्प देना था. कमलनाथ को गाँधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता हैं गाँधी परिवार के करीब रहकर ही कमल नाथ से राजनीति के सारे दाँव पेंच सीखें.
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | कमल नाथ |
जन्म (Birth Date) | 18 नवंबर 1946 |
जन्म स्थान (Birth Place) | कानपुर |
पिता का नाम (Father Name) | महेंद्र नाथ |
माता का नाम (Mother Name) | लीला नाथ |
पत्नी का नाम (Wife Name) | अलका नाथ (वि.-1973) |
पुत्र (Son) | नकुल नाथ एवं बकुल नाथ |
पेशा (Profession) | राजनेता |
जाति (Caste) | खत्री (पंजाबी) |
शैक्षणिक योग्यता (Education) | दून स्कूल, देहरादून (स्कूल शिक्षा) सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता (वाणिज्य स्नातक) |
प्रसिद्धि कारण (Reason of Famous) | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री (17 दिसम्बर 2018 – अब तक) |
कमल नाथ का जन्म और परिवार (Kamal Nath Birth and Early Life)
कमल नाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर में हुआ था. उनके पिता का नाम महेंद्रनाथ और माता का नाम लीला नाथ था. वह खत्री (पंजाबी) समाज से ताल्लुक रखते हैं. कमल नाथ का जन्म आर्थिक रूप से संपन्न परिवार में हुआ था. उनके दादा केदार नाथ का गहनों का कारोबार था. कमल नाथ के जन्म के कुछ सालों बाद ही पूरा परिवार कोलकाता, पश्चिम बंगाल में जा बसा. दादा केदार नाथ ने अतरछेड़ी गांव में एक हवेली का भी निर्माण किया था जो अभी तक हैं.
अतरछेड़ी गांव में कमल नाथ की दादी डॉक्टरनी नाम से मशहूर थी. जब कमल नाथ के दादा और पिता कारोबार की तलाश में गांव से निकल गए तो दादी गांव में रहती थी. बाद में जब कमलनाथ के दादा का कारोबार कोलकाता में स्थापित हो गया, तो वह अपनी पत्नी को भी साथ ले गए.
कमल नाथ की शिक्षा (KamalNath Education)
कमल नाथ का परिवार आर्थिक रूप से संपन्न था. उनकी शिक्षा देहरादून के दून स्कूल से हुई यह स्कूल देश में काफी प्रसिद्ध था. इसी स्कूल से राजीव गाँधी और संजय गाँधी ने शिक्षा ली थी. संजय गाँधी और कमल नाथ के बीच इसी स्कूल से घनिष्ट मित्रता हो गयी. संजय गाँधी से मित्रता को इस बात से जाना जा सकता हैं लोग कमल नाथ को इंदिरा गाँधी का तीसरा बेटा कहकर पुकारने लगे थे.
स्कूल शिक्षा पूरी होने के बाद कमल नाथ ने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. लेकिन यह ग्रेजुएशन तो सिर्फ नाम मात्र के लिए था. उन्होंने राजनीति को अपने करियर के रूप में चुन लिया था.
कमल नाथ और संजय गाँधी की दोस्ती (Kamal Nath and Sanjay Gandhi Friendship)
कमल नाथ इंदिरा गाँधी के बेटे संजय गाँधी की परछाईं की तरह रहते थे. उनके हर दौरे पर कमल नाथ साथ जाया करते थे. आपातकाल के समय कमल नाथ ने अपनी उपयोगिता भी साबित की. 1980 में संजय गाँधी की असमय मृत्यु के समय भी कमल नाथ ने अपने कार्य से गाँधी परिवार को प्रभावित किया और परिवार का अटूट हिस्सा बन गए.
कमल नाथ का राजनीति सफ़र
इंदिरा गाँधी के कहने पर कमल नाथ ने अपना पहला चुनाव 1979 में छिंदवाडा से सांसद पद के लिए लड़ा. कमल नाथ 34 साल की उम्र में छिंदवाड़ा जिले से पहली बार सांसद के रूप में चुने गए. तब से लेकर आज तक वह 9 बार (1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014) छिंदवाड़ा से सांसद रह चुके हैं.
1996 हवाला कांड में नाम आने से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा पत्नी अलका छिंदवाड़ा से सांसद चुनी गई 1 साल बाद हवाला कांड में बरी हुए तो पत्नी से इस्तीफा दिला कर चुनाव लड़े लेकिन भाजपा के सुंदरलाल पटवा ने उन्हें हरा दिया
कमल नाथ को मंत्रिमंडल में प्रभार (Kamal Nath as a Cabinet Minister)
- 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री
- 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री
- 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री
- 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री
- 2012 से शहरी विकास मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री (2014 तक)
कमल नाथ का कांग्रेस संगठन योगदान (Role of Kamal Nath in Congress Party)
- 1968 में युवक कांग्रेस में प्रवेश,
- 1976 में उत्तरप्रदेश युवा कांग्रेस का प्रभार
- 1970 – 81 अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य
- 1979 में युवा कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक
- 2000-2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव
- वर्तमान समय मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष
कमल नाथ का शैक्षणिक संस्थानों के प्रभार (Kamal Nath in Education Institutes)
- अध्यक्ष – इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी बोर्ड ऑफ गवर्नमेंट गाजियाबाद
- अध्यक्ष – लाजपत राय पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज गाजियाबाद
- अध्यक्ष – इंस्टिट्यूट ऑफ इंडोलॉजी नई दिल्ली साहिबाबाद
कमल नाथ की पुस्तकें (Kamal Nath Books)
राजनेता होने के साथ-साथ कमल नाथ के अच्छे लेखक भी हैं वह वाणिज्य पर लिखना पसंद करते हैं. उनके द्वारा लिखी गयी किताब “भारत की शताब्दी एवं व्यापार निवेश उद्योग” प्रकाशित की जा चुकी हैं.
कमल नाथ को प्राप्त सम्मान (Kamal Nath Awards and Achievements)
- कमलनाथ को सन 2006 में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया गया था.
- 1972 में बांग्लादेश की आजादी में योगदान के लिए बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्रहमान द्वारा प्रशस्ति पत्र कमल नाथ को दिया गया था.
- सन 1991 में पृथ्वी सम्मेलन, रियो डी जेनेरियो में भारत का कुशल प्रतिनिधित्व करने के लिए संसद द्वारा कमल नाथ को प्रशस्ति पत्र दिया गया था.
- 1999 ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय लंदन द्वारा आमंत्रण व्याख्यान
- वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम में 14 बार लगातार भारत का नेतृत्व करना
- 2007 में एफडीआई मैगजिन और फाइनेंशियल टाइम्स बिजनेस का “पर्सनालिटी ऑफ़ द ईयर” से सम्मानित किया गया.
- 2008 इकोनोमिक टाइम्स द्वारा “रिफार्म ऑफ़ द ईयर” से सम्मानित किया गया.
- 2012 एशियन बिज़नस लीडरशिप से एवीएलएफ से सम्मानित
कमल नाथ की सम्पति (Kamal Nath Wealth and Properties)
कमल नाथ की गिनती भारत के शीर्ष 5 सबसे अमीर राजनेताओं में की जाती हैं. 2011 में उन्होंने अपनी सम्पत्ति की जानकारी उजागर की थी. जिसके अनुसार वह 273 करोड़ रूपए और 23 कंपनियों के मालिक हैं. यह कंपनियां पत्नी अलका नाथ और बेटे नकुल नाथ व बकुल नाथ चलते हैं.
कमल नाथ का छिंदवाडा मॉडल (Kamal Nath’s Chhindwara Model)
कमल नाथ की मध्यप्रदेश में जीत के पीछे छिंदवाडा मॉडल को भी माना जाता हैं. छिंदवाडा मॉडल सड़को का जाल, निजी कंपनियों, स्किल सेंट और ब्रोडगेज परियोजना हैं. 19 वी सदी में ब्रिटिश शासन काल में बंगाल नागपुर में रेलवे लाइन बिछाई गयी थी. जिसे बीएनआर रेलवे नाम से जाना जाता था. 1884 से 1903 तक इन लाइनों का निर्माण और विस्तार किया जाता रहा. आमला रेलवे स्टेशन से 87 किलोमीटर दूरी पर कोयलांचल क्षेत्र परासिया तक ब्राडगेज रेलवे लाइन डाली गयी थी. इस प्रकार छिंदवाडा जिले का जुन्नारदेव परासिया क्षेत्र ब्राडगेज से जुड़ा था. इसी कारण छिंदवाडा उद्योग की दृष्टि से अनुकूल है. यहाँ पर अडानी पॉवर लिमिलेड के पॉवर प्लांट, हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड का कारखाना और एफडीडीआई का प्रोजेक्ट स्थापित किया गया हैं.
1600 करोड़ की लगत से बना रिंग रोड शहर को नागपुर और जबलपुर की सड़कों से जोड़ता हैं. कमलनाथ हमेशा कहते हैं उन्होंने अपनी जवानी छिंदवाडा के विकास में कुर्बान कर दी. भले ही यहाँ से विधानसभा में कांग्रेस नहीं जीते. लेकिन लोकसभा में कमल नाथ को ही जीत का आशीर्वाद मिलता हैं.
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Behtareen jankari aapke dwara di gayi.
Bahut hi badhiya post aapne kamal nath ji ke bare me kafi achhi jankari share kiya hain Thanks.
धन्यवाद महोदय
Good information sir